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सेना को ​अमेरिका से मिले 03 अपाचे हेलीकॉप्टर, पश्चिमी सीमा पर होंगे तैनात

  •  जोधपुर​ एयर बेस से ​यह हेलीकॉप्टर​ वायु सेना के एलसीएच प्रचंड के साथ मिलकर काम करेंगे

नई दिल्ली।​ भारतीय सेना को तीन ​एएच-64 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर का आखिरी बैच ​अमेरिका से मिल गया है,​ जिससे राजस्थान के जोधपुर में 451​ आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में उसके छह एयरक्राफ्ट का बेड़ा पूरा हो गया। अमेरिका में निर्मित अपाचे हेलीकॉप्ट​रों को एंटोनोव एयरलाइंस के एएन-124 सामरिक एयर लिफ्टर विमान से सीधे एरिजोना​ से हिंडन एयरबेस तक लाया गया है। ​ये अपाचे जोधपुर​ एयर बेस से वायु सेना के एलसीएच प्रचंड के साथ मिलकर काम करेंगे।

​भारतीय सेना के लिए साल 2020 में 80 करोड़ डॉलर ​में 06 अपाचे हेलीकॉप्टरों का सौदा अमेरिका से ​किया गया था।​ समय पर आपूर्ति मिलने की उम्मीद में सेना ने पिछले साल 15 मार्च को जोधपुर में अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की पहली स्क्वाड्रन भी बना ली थी। तीन अपाचे एएच-64 लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का पहला बैच ​पिछले साल 22 जुलाई को भारत ​पहुंचा था। शेष तीन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति ​में देरी की वजह बोइंग कंपनी की सप्लाई चेन बाधित होना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पिछले साल अमेरिकी यात्रा पर सेना को अपाचे हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति में हो रही देरी का मुद्दा उठाया गया था, इसके बावजूद डिलीवरी में करीब 15 माह की देरी हुई है।

सेना के लिए अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है। पाकिस्तानी सीमा पर पश्चिमी सेक्टर के जोधपुर में वायु सेना की स्वदेशी ‘प्रचंड’ की स्क्वाड्रन और यहीं पर भारतीय सेना की अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की स्क्वाड्रन मिलकर काम करेगी। दोनों स्क्वाड्रन एक ही जगह होने से लड़ाकू अमेरिकी ‘अपाचे’ और स्वदेशी ‘प्रचंड’ की जुगल जोड़ी आसमान में नया गुल खिलाएगी। अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर फ्लाइंग रेंज 550 किलोमीटर में 16 एंटी टैंक मिसाइल दागकर उसके परखच्चे उड़ा सकता है। इसे दुश्मन पर बाज की तरह हमला करके सुरक्षित निकल जाने के लिए बनाया गया है।

हेलीकॉप्टर के नीचे लगी बंदूकों से 30 एमएम की 1,200 गोलियां एक बार में भरी जा सकती हैं। अपाचे एक बार में 2.45 घंटे तक उड़ान भर सकता है। ये हेलीकॉप्टर उन्नत सुविधाओं से लैस ​है, जिनमें लॉन्ग रडार, हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट और अन्य सटीक प्रहार प्रणालियां शामिल हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष रूप से बख्तरबंद खतरों मुकाबला करने में प्रभावी होंगे।​ अपाचे​ को दुनिया भर में सबसे एडवांस्ड मल्टी रोल कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में से एक माना जाता है। हेलफायर मिसाइल, 70 ​एमएम रॉकेट और 30 ​एमएम चेन गन से लैस यह हेलीकॉप्टर दुश्मन के कवच, बंकर और एयर डिफेंस को नष्ट कर सकता है। ​इसके एडवांस्ड सेंसर रात में लड़ने की क्षमता और नेटवर्क वाले वॉरफेयर सिस्टम इसे ज़्यादा खतरे वाले और पहाड़ी युद्ध के मैदानों में खतरनाक बनाते हैं।
साभार – हिस

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