नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को उस समय हंगामे के हालात बन गए, जब भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद पर सदन के भीतर ई-सिगरेट पीने का गंभीर आरोप लगाया। ठाकुर ने बिना नाम लिए कहा कि पूरे देश में ई-सिगरेट प्रतिबंधित है, ऐसे में लोकसभा परिसर में इसका इस्तेमाल संसदीय मर्यादा का स्पष्ट उल्लंघन है।
प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट के उपयोग की कोई अनुमति दी गई है। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद को पिछले कई दिनों से लोकसभा के अंदर ई-सिगरेट पीते हुए देखा गया है और मांग की कि इस मामले की जांच करवाई जाए।
स्पीकर ओम बिरला ने इस पर स्पष्ट किया कि सदन में किसी भी प्रकार के धूम्रपान की न तो अनुमति है और न ही इसकी कोई परंपरा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी घटना के प्रमाण उनके संज्ञान में लाए जाते हैं तो नियमों के अनुसार उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। स्पीकर ने सभी सदस्यों से संसदीय परंपराओं और नियमों का पालन करने की अपील भी की।नवेल्थ खो-खो चैंपियनशिप का पहला संस्करण अगले साल 9 मार्च से, भारत करेगा मेजबानी
नई दिल्ली। भारत वर्ष 2026 में पहली बार कॉमनवेल्थ खो-खो चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा। यह ऐतिहासिक प्रतियोगिता 9 मार्च से 14 मार्च, 2026 तक आयोजित की जाएगी। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट ने इस आयोजन को भारत में कराने की औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। प्रतियोगिता में 24 से अधिक कॉमनवेल्थ देशों की भागीदारी की संभावना है।
प्रतिभागी देश यूरोप, अफ्रीका, एशिया, ओशिनिया और अमेरिका—इन पांचों महाद्वीपों से होंगे, जिससे यह चैंपियनशिप वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगी। उल्लेखनीय है कि कॉमनवेल्थ 56 स्वतंत्र देशों का संघ है, जिनकी संयुक्त जनसंख्या लगभग 2.7 बिलियन है।
इस चैंपियनशिप को भारत में पारंपरिक खेल खो-खो के विकास की दिशा में एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। यह आयोजन इसी वर्ष जनवरी में नई दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित प्रथम खो-खो विश्व कप के बाद सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। उस विश्व कप में छह महाद्वीपों के 23 देशों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 20 पुरुष और 19 महिला टीमों ने प्रतिस्पर्धा की थी।
खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव उपकार सिंह विरक ने एक बयान में कहा, “हम आयोजन स्थल के चयन को लेकर कई राज्यों के साथ चर्चा कर रहे हैं और शीघ्र ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 2030 के कॉमनवेल्थ खेलों के संभावित मेजबान अहमदाबाद से पहले, हमें विश्वास है कि यह चैंपियनशिप खो-खो को दोहा एशियन गेम्स 2030, कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 और ब्रिस्बेन ओलंपिक 2032 जैसे वैश्विक मंचों पर शामिल कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।”
साभार – हिस
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