नई दिल्ली। टाटा ऑटो-कॉम्प सिस्टम्स लिमिटेड 15 अक्टूबर से दिल्ली में शुरू होने वाली तीन दिवसीय इंटरनेशनल रेलवे इक्विपमेंट एग्जीबिशन (आईआरईई) 2025 में अपने नवीनतम और अत्याधुनिक रेलवे समाधान प्रदर्शित करेगी। यह प्रदर्शनी भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी।
“शेपिंग द फ्यूचर ऑफ रेलवेज़” थीम के तहत टाटा ऑटो-कॉम्प अपने उन्नत प्रोपल्शन सिस्टम, एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) समाधान, सीटिंग सिस्टम और सतत हल्के रेल कंपोनेंट्स का प्रदर्शन करेगी। कंपनी के अनुसार, ये समाधान यात्री सुविधा बढ़ाने, ऊर्जा दक्षता में सुधार लाने और रखरखाव की लागत घटाने के लिए तैयार किए गए हैं।
टाटा ऑटो-कॉम्प के वाइस चेयरमैन अरविंद गोयल ने कहा कि रेलवे सेक्टर में विविधीकरण हमारे लिए स्वाभाविक कदम है। भारत का रेल नेटवर्क तीव्र गति से आधुनिक हो रहा है और सरकार का ध्यान अवसंरचना व यात्री सुविधा पर केंद्रित है। स्कोडा के साथ हमारा सहयोग भारत की विनिर्माण क्षमता और वैश्विक विशेषज्ञता के बीच सेतु का कार्य करेगा।
कंपनी ने रेलवे क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए वैश्विक प्रौद्योगिकी अग्रणियों— स्कोडा, कॉम्पिन फैंसा और एयर इंटरनेशनल थर्मल सिस्टम्स के साथ रणनीतिक साझेदारियां की हैं। इन साझेदारियों के माध्यम से कंपनी भारत में विश्वस्तरीय उत्पादों का स्थानीय निर्माण सुनिश्चित करेगी, जिससे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को बल मिलेगा।
एमडी एवं सीईओ मनोज कोल्हटकर ने कहा कि अब तक भारतीय रेलवे काफी हद तक आयातित तकनीकों पर निर्भर रहा है। हमारा लक्ष्य इन तकनीकों को भारत में लाकर उनका स्थानीयकरण करना और ग्राहक प्रतिक्रिया समय को कम करना है। हम अपनी विनिर्माण उत्कृष्टता और साझेदारों की वैश्विक विशेषज्ञता को मिलाकर भारतीय बाजार के लिए सतत, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाले समाधान विकसित कर रहे हैं।
ऑटोमोटिव सीटिंग सिस्टम्स और कंपोज़िट्स के क्षेत्र में दशकों के अनुभव के साथ, टाटा ऑटो-कॉम्प अब इन्हीं तकनीकों को रेलवे क्षेत्र में लागू कर रहा है। कंपनी का कहना है कि हल्के और टिकाऊ कंपोनेंट्स से कोचों का वजन घटेगा, जिससे बिजली की खपत और संचालन लागत में कमी आएगी। टाटा ऑटो-कॉम्प का लक्ष्य रेलवे मोबिलिटी सेक्टर के लिए ऐसे उत्पाद विकसित करना है जो सतत, ऊर्जा-कुशल और भारत की भविष्य की परिवहन आवश्यकताओं के अनुरूप हों।
साभार – हिस
