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जीएसटी ऐतिहासिक सुधार, भारत के आर्थिक परिदृश्य को दिया नया आकारः प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की आठवीं सालगिरह पर प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अप्रत्यक्ष कर शासन एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में खड़ा है, जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को फिर से आकार दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अनुपालन बोझ को कम करके इसने विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में बहुत सुधार किया है।”
प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, जीएसटी को लागू हुए आठ साल हो गए हैं। यह एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में सामने आया है, जिसने भारत के आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दिया है। अनुपालन बोझ को कम करके, इसने विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में बहुत सुधार किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी ने आर्थिक विकास के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में भी काम किया है। इसके साथ ही भारत के बाजार को एकीकृत करने की इस यात्रा में राज्यों को समान भागीदार बनाकर सच्चे सहकारी संघवाद को बढ़ावा दिया है। जीएसटी के वर्तमान स्ट्रक्चर में चार मुख्य स्लैब 05 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी हैं। ये दरें देशभर में अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं।
उल्‍लेखनीय है कि देश में जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था, जिसने देश की कर प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.4 फीसदी की वृद्धि है। जीएसटी ने लगभग 17 स्थानीय करों और 13 उपकरों को पांच स्तरीय ढांचे में समाहित कर दिया है, जिससे कर व्यवस्था सरल हो गई। अप्रैल 2025 में मासिक जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।
साभार – हिस

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