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भारत का लक्ष्‍य 6-जी नेतृत्व को हासिल करना : चंद्रशेखर पेम्मासानी

  • कहा-भारत अब 6-जी पेटेंट दाखिल करने वाले शीर्ष छह देशों में शामिल

नई दिल्ली। केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने बुधवार को कहा कि भारत 6-जी पेटेंट दाखिल करने वाले विश्व के शीर्ष छह देशों में शामिल है। हमारा लक्ष्‍य 6-जी नेतृत्‍व को हासिल करना है। 111 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं को 300 करोड़ रुपये की मंजूरी राशि के साथ वित्तपोषित किया गया है।
केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री ने नई दिल्ली में ‘भारत 6-जी 2025’ के तीसरे अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी अपनाने वाले से मानक-निर्धारक बनने वाले देश के रूप में बदलाव पर प्रकाश डाला। साथ ही कहा कि सभी हितधारकों से भारत 6-जी को केवल तकनीकी प्रयास के रूप में नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में देखने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारत के 6-जी विजन का लक्ष्य भारत 6-जी अलायंस, 111 से अधिक वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाओं, जापान, सिंगापुर और फिनलैंड के साथ वैश्विक साझेदारी करनी है। साथ ही टेराहर्ट्ज संचार और एआई-नेटिव नेटवर्क में सफलताओं के माध्यम से 2030 तक भारत को वैश्विक 6जी लीडर के रूप में स्थापित करना है। डॉ. पेम्मासानी ने अगली पीढ़ी की 6-जी प्रौद्योगिकियों के विकास में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के भारत के संकल्प पर जोर दिया।
दूरसंचार राज्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षित, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रासंगिक 6-जी प्रणाली के दृष्टिकोण की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का दृष्टिकोण प्रौद्योगिकी विकसित करना, वैश्विक मानकों को आकार देना और मानवता के लाभ के लिए डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करना है। उन्होंने मिशन का समर्थन करने के लिए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की और दोहराया कि भारत के पास वैश्विक 6-जी यात्रा का नेतृत्व करने के लिए आवश्यक पैमाना, नवाचार क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति है।
साभार – हिस

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