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शिक्षाजगत में शोक की लहर
सोमनाथ तिवारी, भद्रेश्वर।
पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के तेलिनीपाड़ा स्थित तेलिनीपाड़ा महात्मा गांधी विद्यापीठ के वरिष्ठ, सम्मानित और हिन्दी के अवकाश प्राप्त शिक्षक गुलाब चंद तिवारी का निधन हो गया। उनका निधन गाजीपुर जिले के दुबिहा गांव में हुआ, जहां वह अवकाश ग्रहण करने के बाद अपने परिवार के साथ रह रहे थे। गुलाब चंद तिवारी का 17 अप्रैल को निधन हो गया, जो कि लंबे समय से लकवाग्रस्त बीमारी से जूझ रहे थे। उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ रहा था, और अंततः इस गंभीर बीमारी के कारण उन्होंने अंतिम सांस ली।
गुलाब चंद तिवारी को उनके जीवनभर के समर्पण और शिक्षा के प्रति उनकी निष्ठा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से न केवल उनके परिवार, बल्कि शिक्षा जगत और उनके द्वारा सिखाए गए छात्रों में भी गहरा शोक है।
गुलाब चंद तिवारी ने अपने शिक्षकीय जीवन की शुरुआत तेलिनीपाड़ा महात्मा गांधी विद्यापीठ से की थी। इस दौरान वह नोनियापट्टी, खानपुकुर, पोस्ट अंगस में निवास करते थे।
तेलिनीपाड़ा स्थित तेलिनीपाड़ा महात्मा गांधी विद्यापीठ के जरिए उन्होंने न केवल छात्रों को शैक्षिक ज्ञान दिया, बल्कि उन्हें जीवन की महत्वपूर्ण शिक्षा भी दी। उनके शिक्षण के तरीके को छात्र और शिक्षक दोनों ही बेहद सराहते थे।
गुलाब चंद तिवारी के द्वारा हिन्दी विषय को सिखाने का तरीका अद्वितीय था। उनकी शिक्षा में गहरी समझ थी। उन्होंने सदैव विद्यार्थियों के व्यक्तिगत विकास को प्राथमिकता दी, साथ ही उन्हें राष्ट्रीय और सांस्कृतिक मूल्यों से भी अवगत कराया। वह न केवल एक शिक्षक थे, बल्कि एक मार्गदर्शक, संरक्षक और प्रेरणास्त्रोत भी थे।
गुलाब चंद तिवारी के जीवन में उनका शिक्षा के प्रति समर्पण सर्वोच्च था। उन्होंने हमेशा शिक्षा के माध्यम से समाज के उत्थान के बारे में सोचा और इसी उद्देश्य के तहत अपने कार्यों को अंजाम दिया। उनकी शिक्षाओं ने न केवल उनके छात्रों के जीवन को बेहतर बनाया, बल्कि समग्र समाज में जागरूकता का प्रसार भी किया।
उनकी निधन से शिक्षाजगत में एक बड़ा शून्य उत्पन्न हुआ है। उनकी असमय मृत्यु ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति को जन्म दिया है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और आने वाली पीढ़ियों को उनकी शिक्षा और कार्यों से प्रेरणा मिलती रहेगी।
गुलाब चंद तिवारी के परिवार और करीबी मित्रों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। शोक संतप्त परिवार के प्रति सभी ने अपनी सहानुभूति व्यक्त की और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। शिक्षकों और छात्रों ने भी उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।
गुलाब चंद तिवारी का जीवन शिक्षा, समर्पण और निष्ठा का प्रतीक था। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और उनकी यादें हमेशा उनके छात्रों और परिवार के दिलों में जीवित रहेंगी।