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मानव का अस्तित्व पर्यावरण संरक्षण पर निर्भर है  – डॉ. उमर अली शाह

पिठापुरम।श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के नवम पीठाधिपति  डॉ. उमर अली शाह ने कहा कि मानव द्वारा अपने स्वार्थ के लिए पंचभूतों को प्रदूषित करने से वे अपना संतुलन खो रहे हैं और अक्सर प्राकृतिक आपदाओं और मानव विनाश का कारण बन रहे  हैं। हमें स्मरण रखना चाहिए कि मानव  का अस्तित्व पर्यावरण संरक्षण पर निर्भर है।

रविवार को श्री विश्ववसु के नामोत्सव उगादी  पर्व के  उपलक्ष्य में पिठापुरम के काकीनाडा रोड स्थित नए आश्रम के परिसर में आयोजित विशेष  सभा में पीठाधिपति ने भक्तों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि     ईश्वर ने प्रकृति के  पंचतत्वों के माध्यम से पृथ्वी पर रहने का जो मानव को अवसर दिया है, उसका लाभ हर किसी को उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उगादी के दिन आयोजित होने वाला पंचांग श्रवण भविष्य में होने वाली कई चीजों और आपदाओं के बारे में भी संकेत देता है।

उन्होंने खेद व्यक्त किया कि ख़त्म हो रहे मानवता के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सबसे पहले उन्हें अपने अंदर शामिल काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्स के रूप में अरिष्द्वर्गों को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन की सच्चाइयों को आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान के माध्यम से जाना जा सकता है जो मानव अस्तित्व की नींव है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति गुरु के माध्यम से दार्शनिक ज्ञान प्राप्त कर सकता है, तो वह अरिशदवर्ग के स्तर तक पहुंच सकता है। उन्होंने सलाह दी कि पीठ द्वारा प्रदान की गई ज्ञान, ध्यान और मंत्र की तीन साधनाओं के माध्यम से, शरीर धन्य हो जाएगा, मन संतुष्ट हो जाएगा और आत्मा मुक्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जीवन उगादी प्रसादी  की तरह है, जीवन का अंतिम अर्थ तभी पता चलता है जब कोई व्यक्ति जीवन के दौरान आने वाली कठिनाइयों और सुखों को समता के साथ स्वीकार कर सकता है। इसके लिए सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए जुटना चाहिए ।  उन्होंने प्रत्येक सदस्य से तीन-तीन पौधे संरक्षित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पौधा एक ऑक्सीजन सिलेंडर के बराबर है।

इस अवसर पर एसीएन इन्फोटेक के निदेशक व समाजसेवी  श्री कमल बैद  को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर अपने   उदगार व्यक्त करते हुए श्री बैद ने कहा कि मनुष्यों के लिए आध्यात्मिक जीवन अपरिहार्य है। इसके उपरांत उन्होंने कर्णप्रिय स्वर में हिंदी  में  भजन सुना कर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया।

बाद में, पीठाधिपति ने नए आश्रम में पक्षी और छाछ चिलिंग स्टेशन, आश्रम में उगाए गए प्रकृति मातृ के तैयार फलों और फूलों के स्टॉल और मदर नेचर के जैविक खाद्य पदार्थों के स्टॉल खोले। उमर अली शाह ने पीठ द्वारा संचालित ग्रामीण विकास ट्रस्ट के पीठ में सेवारत 90 स्वयंसेवकों को नए कपड़े वितरित किए।गरीब महिलाओं को सिलाई मशीनें वितरित कीं, विकलांगों को व्हीलचेयर वितरित किए। एक गरीब छात्र को छात्रवृत्ति दी।पिछडे छात्रावास के छात्रों को पंखे वितरित किए,  अनाथ लड़के और लड़कियों के संगठन को वित्तीय सहायता प्रदान की, और पक्षियों के भोजन के लिए अनाज के गुच्छे वितरित किए।

इसके बाद  सभा में प्रसिद्ध वास्तु, हस्त एवं ज्योतिष शास्त्र विशेषज्ञ केवीवी एस. पंचांग का श्रवण किया। मुख्य अतिथि गीताववाधानी यारमशेट्टी उमामहेश्वर राव, एसीएन इन्फोटेक के निदेशक कमल बैद, भारत सरकार फिल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य कृष्णा आदिसेशु ने सभा को संबोधित किया और सदस्यों से कहा कि सभी को सद्गुरु की शिक्षाओं का अभ्यास करना चाहिए और पिछले अनुभवों को ध्यान में रखना चाहिए और विश्वावसु के नाम पर जीवन में एक सुनहरा रास्ता अपनाना चाहिए और खुशी से रहना चाहिए।

इस अवसर पर पीठ द्वारा संचालित तात्विक बाल विकास कार्यक्रम द्वारा प्रशिक्षित  अब्बीरेड्डी अनुषा,  अपने आध्यात्मिक प्रवचन से सदस्यों को मंत्रमुग्ध कर दिया।सभा में आयोजित संगीत कार्यक्रम में पीठम के सदस्यों उमामुकुंद ग्रुप द्वारा गाए गए कीर्तन से श्रोताओं का मनोरंजन हुआ।सभा में भाग लेने के लिए राज्य भर से आए हजारों भक्तों को उगादी प्रसाद प्रदान की गई और  भोजन प्रदान किया गया। इस मौके पर 171 लोगों को मंत्र की नव दीक्षा दी गयी।

इस कार्यक्रम में पीठम संयोजक पेरुरी सूरी बाबू, पीठम मीडिया संयोजक अकुला रवि तेजा, केंद्रीय समिति सदस्य पिंगली आनंद कुमार,एवीवी सत्य नारायण, स्वर्णलता और अन्य ने भाग लिया।

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