Home / National / भारत को नए युग के उद्योगों में प्रतिस्पर्धा के लिए खोखले भाषणों की नहीं, मज़बूत उत्पादन आधार की जरूरत : राहुल गांधी

भारत को नए युग के उद्योगों में प्रतिस्पर्धा के लिए खोखले भाषणों की नहीं, मज़बूत उत्पादन आधार की जरूरत : राहुल गांधी

नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारत में प्रतिभा तो है, लेकिन उसे अपने युवाओं को रोजगार देने के लिए नई तकनीक में औद्योगिक कौशल का निर्माण करने के लिए मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है, न कि खोखले भाषणों की।

राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पोस्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चीन ने ड्रोन का उत्पादन शुरू किया है जो दुनियाभर में युद्ध में क्रांति ला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए एक रणनीति विकसित करने की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने इस पोस्ट के साथ ड्रोन तकनीक पर नौ मिनट का एक वीडियो भी टैग किया है। उन्होंने कहा कि ड्रोन ने युद्ध लड़ने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। बैटरी, मोटर और ऑप्टिक्स के संयोजन से युद्ध के मैदान में घात-प्रतिघात और संचार में अभूतपूर्व बदवाल आया है लेकिन ड्रोन सिर्फ एक टेक्नोलॉजी भर नहीं है वह एक मज़बूत इंडस्ट्रियल सिस्टम द्वारा ज़मीनी और छोटे-छोटे स्तर पर उत्पादित होने वाला नवाचार है।
राहुल ने कहा कि ड्रोन्स ने टैंक, तोप और यहां तक कि एयरक्राफ्ट कैरियर के महत्व को भी कम कर दिया है। एयर पावर को प्लाटून लेवल तक ला दिया है और युद्धक्षेत्र में खुफिया तंत्र एवं सटीकता को नया रूप दिया है लेकिन यह क्रांति सिर्फ युद्ध तक सीमित नहीं है बल्कि यह उद्योग, एआई और अगली पीढ़ी की तकनीक की भी बात है। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि दुर्भाग्य से प्रधानमंत्री इसे समझने में असफल रहे हैं। ऐसे समय में जब वह एआई पर सिर्फ़ ‘टेलीप्रॉम्प्टर’ से पढ़कर भाषण देने में लगे हैं, हमारे कंपिटिटर्स नई टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कर रहे हैं। भारत को खोखले भाषणों की नहीं बल्कि मजबूत उत्पादन बेस की ज़रूरत है। असली शक्ति सिर्फ ड्रोन बनाने में नहीं, बल्कि उनके पीछे की इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और उत्पादन तंत्र को नियंत्रित करने में है, लेकिन भारत इस क्षेत्र में नहीं बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हम एआई या तकनीक में नेतृत्व नहीं कर सकते अगर हमारा उत्पादन पर नियंत्रण नहीं है। हमने अपनी उपभोक्ता डेटा सौंप दी है। हम मुख्य कंपोनेंट्स नहीं बनाते हैं और जब बाकी दुनिया भविष्य गढ़ रही है तब हम सिर्फ असेंबल करने तक ही सीमित हैं। राहुल ने कहा कि भारत के पास अद्भुत प्रतिभा, विशाल क्षमता और जबरदस्त इच्छाशक्ति है लेकिन खोखली बातों से कुछ नहीं होगा। हमें स्पष्ट दृष्टि और असली औद्योगिक ताकत चाहिए। भविष्य ऊपर से नहीं बनेगा, यह जमीनी स्तर से उभरेगा। अब वक्त है कि भारतीय युवा कदम बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि भारत पीछे न छूटे।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

सार्वजनिक परिवहन में सुधार करके 2030 तक पर्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन में लाई जा सकती है 17 फीसदी तक कमीः सीईईडब्ल्यू

नई दिल्ली। पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में 200 ई-बसों को लॉन्च …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *