- सभी गैर वित्तीय नियामक क्षेत्रों, प्रमाणीकरण, लाइसेंस और अनुमति में नियामक सुधारों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन
- विभिन्न कानूनों में 100 से ज्यादा प्रस्तावों के गैर अपराधीकरण के लिए जन विश्वास बिल 2.0 लाया जायेगा
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि नियामकों को तकनीकी नवोन्मेषों और वैश्विक नीति विकासों के अनुरूप बनाया जाएगा। विश्वास और नियमों पर आधारित नियामक फ्रेमवर्क उत्पादकता और रोजगार उत्पन्न करेगा। इस फ्रेमवर्क से पुराने कानूनों के अंतर्गत बने नियामकों को अपडेट किया जाएगा। 21वीं सदी के लिए इस आधुनिक, लचीले, जन प्रेमी और विश्वास आधारित नियामक फ्रेमवर्क के विकास के लिए श्रीमती निर्मला सीतारमण ने चार विशेष उपाय प्रस्तावित किए।
नियामक सुधारों के लिए उच्च स्तरीय समिति
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सभी गैर वित्तीय नियामक क्षेत्रों, प्रमाणीकरण, लाइसेंस और अनुमति में नियामक सुधारों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। समिति के एक वर्ष के भीतर अपने सुझाव देने की आशा है। इसका उद्देश्य विश्वास आधारित आर्थिक शासन को मजबूत करना और व्यापार को आसान करने के लिए बढावा देना विशेषकर निरीक्षण और अनुपालन के लिए उपायों में बदलाव करना है। राज्य इसे पूरा करने में सहायता करेंगे।
इंवेस्टमेंट फ्रेंडलीनेस इंडेक्स
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2025 में प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना को बढाने के लिए इंवेस्टमेंट फ्रेंडलीनेस इंडेक्स शुरू किया जाएगा।
एफएसडीसी तंत्र
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय स्थिरता और विकास परीषद के अंतर्गत चालू वित्तीय नियामकों और सब्सिडी निर्देशों के प्रभाव के मूल्यांकन के लिए एक तंत्र बनाया जाएगा। यह वित्तीय सेक्टर के विकास को बढावा देने के लिए एक फ्रेमवर्क का भी गठन करेगा।
जनविश्वास बिल 2.0
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब विभिन्न कानूनों में 100 से ज्यादा प्रस्तावों के गैर अपराधीकरण के लिए जन विश्वास बिल 2.0 लाएगी। जन विश्वास अधिनियम 2023 के अंतर्गत 180 से ज्यादा प्रस्तावों का गैर अपराधीकरण किया गया था।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में वित्तीय और गैर वित्तीय सहित विभिन्न क्षेत्रों में सरकार ने व्यापार को आसान करने की अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई है।