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थिंक इंडिया द्वारा धारा-370 के बाद की जिंदगी, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख विषय पर वेबिनार आयोजित
भुवनेश्वर. धारा-370 के कारण जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का पूर्ण रूप से भारत के साथ एकीकरण नहीं हो पा रहा था. वहां संविधान पूर्ण रुप से लागू नहीं हो पा रहा था. ऐसे में वहां रहने वाले लाखों लोग संविधान प्रदत्त अधिकारों से भी वंचित थे. इस धारा के जाने के बाद जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में रहने वाले ऐसे लाखों लोगों न्याय मिल सका है. साथ ही अब वहां विकास की गति भी तेज हो रही है. जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के निदेशक तथा इस मामले के विशेषज्ञ आशुतोष भटनागर ने धारा-370 के बाद की जिंदगी, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख विषय पर एक वेबिनार कार्यक्रम वार्तालाप में यह बात कही.
यह कार्यक्रम थिंक इंडिया ओडिशा तथा स्पर्टन डिजिटल कनक्लैव की ओर से संयुक्त रुप से किया गया था. इस अवसर पर भटनागर ने कहा कि भारत विभाजन के बाद से ही 15 लाख से अधिक लोग जम्मू-कश्मीर में रह रहे थे, लेकिन वहां भारतीय संविधान अपने नागरिकों को जिन अधिकारों की गारंटी देता है, वह नहीं मिल रहा था. ये लोग वहां नौकरी तक नहीं कर सकते थे. उन्हें मतदान करने का भी अधिकार नहीं था.
इनमें से अधिकांश लोग अनुसूचित जाति वर्ग के थे. मानवाधिकारों की बातें करने वाले लोग भी उनके साथ हो रहे अन्याय पर मुंह नहीं खोलते थे, लेकिन धारा-370 के हटना उनके जीवन में नयी सुबह लेकर आया है. अब वे भी उन समस्त अधिकारों के हकदार हुए हैं, जो देश के बाकी नागरिकों को है. उन्होंने कहा कि धारा-370 के कारण जम्मू कश्मीर के महिलाओं के साथ भी अन्याय हो रहा था. इसके हटने के कारण महिलाओं को भी न्याय मिल सका. हालांकि वहां मेडिकल कालेज व अन्य शिक्षण संस्थान खोले थे, लेकिन धारा-370 के कारण वहां कोई अध्यापक व शिक्षाविद् पढ़ाने नहीं जाता था.
अब धारा-370 हटने के बाद स्थिति में परिवर्तन आया है. पहले वहां निवेश नहीं होता था. अब धारा-370 हटने के बाद वहां की निवेश की स्थिति में परिवर्तन आ रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कब्जायी गई जम्मू कश्मीर व लद्दाख की भूमि भी हमारी है और वहां के लोग भी हमारे हैं. भारतीय संसद ने 1994 में उस जमीन को वापस लेने का संकल्प प्रस्ताव पारित किया है. ऐसे में इस मामले में देश की जनमानस को खड़ा करने की आवश्यकता है, ताकि पाकिस्तान द्वारा कब्जायी गई भूमि हम वापस ले सकेंगे. कार्यक्रम का संचालन डा दीपक मोहंती, आर्ष ओजस पाण्डेय तथा थिंक इंडिया के ओडिशा प्रदेश संयोजक ओम प्रियदर्शी ने किया.