नई दिल्ली। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए संस्कृति मंत्रालय ओडिशा में पराक्रम दिवस मनाएगा। 23 जनवरी को नेताजी के जन्मस्थान कटक में कार्यक्रम का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी करेंगे। कटक के बाराबती किले में 23 से 25 जनवरी तक एक भव्य समारोह आयोजित किया जाएगा।
संस्कृति मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत ओडिशा के मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ उस घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होगी, जहां नेताजी का जन्म हुआ था, जिसे अब समर्पित एक संग्रहालय में बदल दिया गया है। इसके बाद बाराबती किले में पराक्रम दिवस समारोह प्रधानमंत्री के एक वीडियो संदेश के साथ शुरू होगा और इसमें नेताजी के जीवन पर केंद्रित एक पुस्तक, फोटो और अभिलेखीय प्रदर्शनी होगी, जिसमें दुर्लभ तस्वीरें, पत्र और दस्तावेज़ों के साथ-साथ उनकी उल्लेखनीय यात्रा को दर्शाने वाली ऑडियो और विजुअल डिस्प्ले भी होगी। इस अवसर पर एक मूर्तिकला कार्यशाला और एक चित्रकला प्रतियोगिता-सह-कार्यशाला की भी योजना बनाई जा रही है। इस कार्यक्रम में नेताजी की विरासत का सम्मान करते हुए और ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को उजागर करते हुए सांस्कृतिक प्रदर्शन भी होंगे। इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान नेताजी के जीवन पर फिल्में भी दिखाई जाएंगी।
नेताजी की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने के सरकार के फैसले के बाद कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में पहला पराक्रम दिवस मनाया गया।
वर्ष 2022 में इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया और 2023 में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में 21 अनाम द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखा गया। साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के लाल किले में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष संस्कृति मंत्रालय द्वारा कटक में पराक्रम दिवस समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जो नेताजी का जन्मस्थान और वह शहर है जिसने उनकी प्रारंभिक संवेदनाओं को आकार दिया।
साभार – हिस