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नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी से मांग की है कि विधानसभा का विशेष सत्र जल्द ही बुलाकर कैग की सभी 14 रिपोर्ट्स को सदन पटल पर प्रस्तुत करें। गुप्ता ने आज आतिशी को पत्र लिखकर उन्हें आगाह किया है कि इन रिपोर्ट्स के प्रति सरकार का रवैया बहुत गलत है।
गुप्ता ने कहा कि उपराज्यपाल ने भी इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 19 और 20 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इन रिपोर्ट्स को सदन में रखने के लिए कहा है। इस पत्र की कॉपी नेता प्रतिपक्ष को भी भेजी गई है।
विजेंद्र गुप्ता ने कहा है इस मामले में दिल्ली भाजपा के सभी विधायक कल विधानसभा अध्यक्ष से भी भेंट करेंगे और विशेष सत्र बुलाने की मांग करेंगे। गुप्ता ने कहा कि भाजपा कईं बार इस मुद्दे को विधानसभा में उठा चुकी है, लेकिन सितम्बर और नवम्बर- दिसंबर के विधानसभा सत्रों में उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई और बोलने पर उनका माइक बंद कर दिया गया। विपक्षी विधायकों ने इस मामले को लेकर राष्ट्रपति से भी मुलाकात की, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्पीकर, सबसे भेंट कर उन्हें लिखित ज्ञापन सौंपे, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमिताओं को छुपाने के लिये कैग की एक भी रिपोर्ट सदन पटल पर नहीं रखी।
गुप्ता ने आतिशी को लिखे पत्र में कहा है कि एक तरफ सरकार पारदर्शिता के साथ शासन चलाने जैसी बड़ी- बड़ी बातें करती हैं और दूसरी तरफ अपना तानाशाही रवैया अपनाते हुए कैग की रिपोर्ट्स को दबाकर सालों से इस मामले को टाल रही है। सरकार की पारदर्शिता सिर्फ दिखावा मात्र है। अब हाई कोर्ट के दखल के बाद सरकार ने इन रिपोर्ट्स को उपराज्यपाल को तो भेज दिया है, लेकिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने से भाग रही है । हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्टरूप से यह कहा है कि सरकार दो- तीन दिन के अंदर ही इन रिपोर्ट्स को विधानसभा में प्रस्तुत कर देगी।
गुप्ता ने कहा कि इन रिपोर्ट्स में वाहनों से होने वाला प्रदूषण, आबकारी ड्यूटी, शिक्षा, वित्त, स्वास्थ्य और डीटीसी पर सरकार द्वारा किये गए खर्च का पूरा ब्यौरा दिया गया है, लेकिन सरकार संवैधानिक नियमों का उल्लंघन कर इन्हें सदन में पेश नहीं कर रही है। जबकि इनमें से कई मामले 2017-18 से पेंडिंग चल रहे हैं। सरकार के प्रधान लेखा कार्यालय द्वारा मुख्यमंत्री को 17 अक्टूबर को एक पत्र भेजकर सूचित किया गया था कि संविधान के अनुच्छेद 151, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 411 और लेखापरीक्षा एवं लेखा विनियमन, 2007 के विनियमन 210 के तहत दिल्ली सरकार द्वारा सीएजी की लेखापरीक्षा रिपोर्ट्स को अनिवार्य रूप से दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। लेकिन बड़े ही दु:ख की बात है कि सरकार ने बावजूद इसके कैग की ये रिपोर्ट्स विधानसभा में प्रस्तुत नहीं की ।
गुप्ता ने सरकार के इस रवैये की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यदि सरकार विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुलायेगी तो विपक्ष को मजबूर होकर फिर से हाई कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा। उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की है कि वह अब इस भ्रष्टाचारी सरकार को सत्ता से बाहर करे और भारतीय जनता पार्टी को सत्ता सौंपे ताकि सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल सके।
साभार -हिस

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