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सेना प्रमुख ने मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की चार बटालियनों को राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किए

  • जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने युद्ध और शांतिकाल में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की व्यावसायिकता को सराहा

नई दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की चार बटालियनों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति ध्वज प्रदान किए। महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री सेंटर एंड स्कूल में एक भव्य समारोह के दौरान इन बटालियनों को राष्ट्र के प्रति उनकी अनुकरणीय और सराहनीय सेवा के लिए मान्यता दी गई। राष्ट्रपति ध्वज से सम्मानित होने वालों में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट की 26वीं और 27वीं और ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स की 20वीं और 22वीं बटालियन हैं।

सेना प्रमुख ने कलर प्रेजेंटेशन परेड की समीक्षा की और चार मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियनों के मार्चिंग और घुड़सवार दस्तों के बेदाग मानकों की सराहना की। राष्ट्रपति की ओर से उन्होंने बटालियनों को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति ध्वज प्रदान करने के बाद सभी रैंकों, विशेष रूप से सम्मानित बटालियनों को बधाई दी और युद्ध और शांतिकाल में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री की व्यावसायिकता को सराहा। भारतीय सेना के सबसे युवा और सबसे बहुमुखी लड़ाकू हथियारों के रूप में मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री अपनी वीरता और कौशल के लिए प्रसिद्ध है, जिनकी बटालियनें सभी थिएटरों और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में तैनात हैं।

अपने संबोधन में थल सेनाध्यक्ष ने कहा कि 1979 में अपनी स्थापना के बाद से मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री आर्म ने भारतीय सेना में आधुनिक और पेशेवर बल के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जिसने ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन रक्षक और ऑपरेशन स्नो लेपर्ड जैसे प्रमुख अभियानों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में असाधारण साहस, अनुशासन और परिचालन दक्षता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहे युद्ध स्वरूपों के बीच मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री का फ्यूचरिस्टिक इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, नाग मिसाइल सिस्टम, कैनिस्टर लॉन्च्ड एंटी-आर्मर सिस्टम, मिनी रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट और इंटीग्रेटेड सर्विलांस एंड टारगेट सिस्टम जैसी उन्नत प्रणालियों के साथ आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

सेना प्रमुख ने कहा कि मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री भविष्य के संघर्षों में निर्णायक बल के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर रही है। आधुनिकीकरण के ये प्रयास आत्मनिर्भरता की नींव पर आगे बढ़ रहे हैं। सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने पूर्व सैनिक समुदाय और समाज की भलाई के लिए उनके योगदान के लिए चार अनुभवी अचीवर्स को सम्मानित भी किया। उन्होंने सभी रैंकों और परिवारों को अपनी शुभकामनाएं दीं और सेना के सभी रैंकों से भारतीय सेना के मूल मूल्यों और लोकाचार को ध्यान में रखते हुए राष्ट्र की सेवा करते हुए उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने का आह्वान किया।

क्या है राष्ट्रपति ध्वज का महत्व
राष्ट्रपति ध्वज भारतीय सेना में सैन्य इकाई को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। यह सैन्य ध्वज सैनिकों के बीच मनोबल, प्रेरणा और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देना जारी रखते हैं। यह औपचारिक ध्वज है, जिस पर इकाई का प्रतीक चिह्न और आदर्श वाक्य अंकित होता है। यह प्रतिष्ठित सम्मान भव्य औपचारिक परेड के दौरान प्रदान किया जाता है, जिसमें अक्सर राष्ट्रपति या सेना प्रमुख जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।
साभार -हिस

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