Home / National / अंफान चक्रवात का मंडराया खतरा, उत्तर तटीय ओडिशा में सतर्कता बढ़ी

अंफान चक्रवात का मंडराया खतरा, उत्तर तटीय ओडिशा में सतर्कता बढ़ी

  • चार तटीय जिलों को विशेष रुप से सतर्क रहने के लिए निर्देश

  • आश्रय घरों को तैयार रखने को जिलाधिकारियों से कहा गया

  • आवश्यक होने पर लोगों का स्थानांतरण किया जाएगा.

भुवनेश्वर. बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में तथा इसके निकटस्थ अंडामान सागर में कम दबाव का क्षेत्र बना है, जो आगामी 12 घंटे बाद चक्रवात का रुप ले सकता है. राज्य के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने इस संभावित तूफान की तैयारियों को लेकर बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार, यह कम तबाव का क्षेत्र साइक्लोन में तबदील होने के बाद उत्तर-पश्चिम की दिशा में अग्रसर होगा. 17 मई के शाम के बाद यह अपनी गति पथ बदल कर उत्तर बंगाल की खाड़ी को अतिक्रम करेगा. तूफान कहां लैंडफाल करेगा और यह किस मार्ग से गुजरेगा, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, क्योंकि यह साइक्लोन बंगाल की खाड़ी के उत्तर से होते हुए जाएगा. इस कारण ओडिशा के तटीय इलाकों में तूफान का प्रभाव रहने की  आशंका है.

उन्होंने कहा कि गजपति से मयूरभंज जिले तक 12 जिलों को इसके लिए सतर्क कर दिया गया है. चार तटीय जिले जगतसिंहपुर, केन्द्रापड़ा, बालेश्वर व भद्रक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बात कर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयारी रखने के निर्देश दिया गया है.

उन्होंने कहा कि संभावित तूफान को ध्यान में रखकर गत दो दिनों में तैयारी प्रारंभ की गई है. शेलटर होम को तैयार रखने के लिए जिलाधिकारियों से कहा गया है. आवश्यक होने पर लोगों का स्थानांतरण वहां किया जाएगा. मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. यदि कोई समुद्र में गया है तो 17 मई तक वापस आने के लिए कहा गया है.

Share this news

About desk

Check Also

IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

भारतीय विद्या भवन और रूस के ऋषि वशिष्ठ संस्थान के बीच सांस्कृतिक सहयाेग को लेकर समझौता

नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच सास्कृतिक सबंधाें में प्रगाढ़ता लाने के उदेश्य से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *