Home / National / एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने उठाया आतंकवाद और संप्रभुता के सम्मान का मुद्दा

एससीओ की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने उठाया आतंकवाद और संप्रभुता के सम्मान का मुद्दा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार नीतियों जैसे मुद्दों को उठाया और वैश्विक स्तर पर संघर्षों का साझा समाधान तलाशने की अपील की।

उल्लेखनीय है कि मध्य एशिया के देश तथा चीन, रूस और पाकिस्तान भी संगठन का हिस्सा हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अस्ताना, कजाकिस्तान में हैं। यहां शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री का वक्तव्य पढ़ा। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि एससीओ एक सिद्धांत-आधारित संगठन है, जिसकी सर्वसम्मति इसके सदस्य देशों के दृष्टिकोण को संचालित करती है। हम देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों के विपरीत कोई भी कदम नहीं उठाने पर भी सहमत हुए हैं।
कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान आवश्यक है। इसी तरह गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार अधिकार और पारगमन व्यवस्थाएं भी हैं। एससीओ को इन पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना एससीओ के मूल लक्ष्यों में से एक है। अगर इस समस्या को यूं ही छोड़ दिया गया तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है। आतंकवाद को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। सीमा पार आतंकवाद पर निर्णायक प्रतिक्रिया जरूरी है और आतंकवाद के वित्तपोषण और भर्ती का दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए। हमें युवाओं में कट्टरवाद को फैलने से रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे सामने यह प्रमुख चिंता का विषय है। हम उत्सर्जन में प्रतिबद्ध कमी लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य की शुरूआत में ईरान को संगठन के सदस्य के रूप में हिस्सा के लिए बधाई दी और हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति राईसी और अन्य लोगों के दुखद निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज हम यहां दुनिया भर में महामारी के प्रभाव, संघर्ष, बढ़ते तनाव और विश्वास की कमी की पृष्ठभूमि में एकत्र हुए हैं। इन घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण दबाव डाला है। वैश्वीकरण से कुछ समस्याएं बढ़ गई हैं। हमारा उद्देश्य इन घटनाक्रमों के प्रभावों को कम करने के लिए सामान्य आधार खोजना है।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

Land Scammers POLKHOL-1 यूपी में माफियागिरी का नया रूप, लैंड स्कैमर्स सक्रिय

यूपी में माफियागिरी का नया रूप, लैंड स्कैमर्स सक्रिय

अधिकारियों की मिलीभगत से फल-फूल रहा जमीन फर्जीवाड़ा का काम फर्जी दस्तावेजों के सहारे माफियाओं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *