नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों को हरित बनाने के लिए एनएचएआई विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्गों से सटी भूमि पर मियावाकी पौधारोपण करने की एक अनूठी पहल करेगा। मियावाकी बागान स्थापित करने के लिए दिल्ली-एनसीआर और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर कुल 53 एकड़ से अधिक भूमि क्षेत्र की पहचान की गई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार चयनित स्थलों पर जमीन की तैयारी पहले ही शुरू हो चुकी है और आगामी मानसून सीजन के दौरान पौधारोपण किया जाएगा। इसका कार्य अगस्त के अंत तक पूरा होगा।
मियावाकी पौधारोपण के विकास के लिए प्रस्तावित स्थलों में से कुछ इस प्रकार हैं- 1) राष्ट्रीय राजमार्गों में द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड के साथ 4.7 एकड़ भूमि क्षेत्र शामिल है, 2) दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा खंड पर सोहना के पास 4.1 एकड़, 3) हरियाणा में अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर के एनएच 152डी पर चाबरी और खरखरा इंटरचेंज पर लगभग 5 एकड़, 4) एनएच-709बी पर शामली बाईपास पर 12 एकड़ से अधिक, 5) गाजियाबाद के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर दुहाई इंटरचेंज पर 9.2 एकड़ और 6) उत्तर प्रदेश में एनएच-34 के मेरठ-नजीबाबाद खंड के पास 5.6 एकड़।
मियावाकी पद्धति का लक्ष्य कम समय में घने, देशी और जैव विविधता वाले जंगल बनाना है। ये वन भूजल को बनाए रखते हैं और भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद करते हैं। इस विधि से पेड़ दस गुना तेजी से बढ़ते हैं और पौधारोपण ध्वनि और धूल अवरोधक के रूप में कार्य करते हैं। मियावाकी पौधारोपण विधि के सफल कार्यान्वयन के लिए, पौधों की स्वदेशी प्रजातियों के रोपण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
साभार – हिस