महाचक्रवात रेमल से ऐसे करें मुकाबला, क्या करें और क्या नहीं करें; आइए जानते हैं विशेषज्ञ क्या कहते हैं। आधी रात को पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप तथा बांग्लादेश के खेपुपड़ा के बीच समुद्र तट से टकराने वाले महाचक्रवात रेमल की रची गयी विनाश लीला से बचा जा सकता है। इसके लिए आपको सजग रहने की जरूरत है।
कच्चे घरों में नहीं रहें
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आप कच्चे घर में रहते हैं, तो आपको सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की जरूरत है। इस दौरान ध्यान रखें कि जहां आप शरण ले रहे हैं, वह पक्का घर होना चाहिए। कच्चे घर का मतलब है कि दीवारें मिट्टी की बनी हों, टीन या एस्बेस्टस की छत हो, टाली की छत हो। चक्रवात के दौरान हवा के तेज झोंकों से ऐसे घरों के गिरने का खतरा ज्यादा होगा।
निचले इलाकों में नहीं रहें
महाचक्रवात के प्रभाव के कारण होने वाली भारी से भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में जलजमाव की समस्या होती है। ऐसी स्थिति में निचले इलाकों में यदि आपका घर है, तो वह जलबंदी हो सकता है। घर में पानी जम सकता है, जिससे आपको और बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में निचले इलाकों के घरों छोड़कर आपको सुरक्षित स्थान पर जाने की जरूरत है।
पेड़ों-बिजली के खंभे के नीचे नहीं रहें, बाहर न जाएं
भीषण चक्रवात के दौरान किसी भी व्यक्ति को पेड़ और बिजली के खंभों के पास नहीं रहना चाहिए। इनके गिरने की संभावना ज्यादा रहती है। इतना ही नहीं, गलियों में बिजली के पोल और छोटे पेड़-पौधों भी गिर सकते हैं। इसलिए अपने आपको सुरक्षित रखने के लिए घरों से बाहर नहीं निकलें।
प्रभावित हो सकती हैं ये सेवाएं
भीषण चक्रवात यदि प्रभावी होता है, तो यह संभावना है कि आपके इलाके में बिजली और जलापूर्ति सेवाएं बाधित हो सकती हैं। इसके साथ ही मोबाइल के टावर गिरने के कारण या बिजली के आभाव में काम नहीं कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
पैनिक खरीदारी से बचें
अक्सर महाचक्रवात के दौरान बाजारों में पैनिक खरीदारी शुरू हो जाती है। इससे लोगों को बचना चाहिए। इससे बाजार में अचानक वस्तुओं की कीमत में तेजी आ जाती है। इससे गरीबों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
सतर्कता ही सबसे बड़ी सहायता
तूफान के दौरान जागरुकता और सतर्कता ही सबसे बड़ी सहायता होगी। यदि आप उपरोक्त सलाहों को मानते हैं, तो संभव होगा कि आप नहीं के बराबर इस चक्रवात से प्रभावित होंगे।
प्रशासन को सहयोग करें
विकट परिस्थिति में विरोध की जगह लोगों को स्थानीय प्रशासन को सहयोग करने की जरूरत होती है। स्थानीय लोगों के सहयोग से राहत और बचाव कार्य में तेजी लायी जा सकती है।
इस खबर को भी पढ़ें-प. बंगाल के तट से टकराने से पहले चक्रवात ‘रेमल’ के मुकाबले को नौसेना तैयार