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संपत्ति हस्तांतरण पर सैम पित्रोदा का बयान बना कांग्रेस के जी का जंजाल, भाजपा हुई हमलावर

नई दिल्ली। सैम पित्रोदा के पैतृक संपत्ति हस्तांतरण पर कर संबंधी बयान कांग्रेस के जी का जंजाल बन गया है। भाजपा हमलावर है और कांग्रेस बयान से किनारा कर रही है।

कांग्रेस नेता ओवरसीज कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। सैम पित्रोदा ने शिकागो में एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा है कि कांग्रेस भारत में धन के पुनर्वितरण की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि परिवार के मुखिया की मृत्यु के बाद अमेरिका में 55 प्रतिशत संपत्ति मिलती है शेष संपत्ति सरकार के पास चली जाती है। इस तरह की व्यवस्था भारत में नहीं हैं। इस पर विचार होना चाहिए। कांग्रेस इस तरह की योजना बना रही है।
सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। सैम पित्रोदा के इस बयान को भाजपा ने गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस की आलोचना करनी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री ने सैम के बयान पर हमला बोलते हुए छत्तीसगढ़ की सभा में कहा था कि कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ‘सर्वे’ का जिक्र है। मनमोहन सिंह पहले अपने बयान में कह चुके हैं कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों और विशेषकर मुसलमानों का है। अब सैम पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी की है कि धन के वितरण पर विचार-विमर्श होना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने यह मुद्दा उठाया तब राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी इस बात पर बैकफुट पर है और ये लोग कहने लगे कि यह उनका मकसद कभी नहीं था लेकिन आज सैम पित्रोदा के बयान ने देश के सामने कांग्रेस का मकसद स्पष्ट कर दिया है। वे देश के लोगों की निजी संपत्ति का सर्वेक्षण करना चाहते हैं। वे इस लोगों की मेहनत से कमाई संपत्ति को घुसपैठियों में बांटना चाहते हैं।

शाह ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग सैम पित्रोदा के बयान को गंभीरता से लें। सैम पित्रोदा ने बहु-संख्यकों की संपत्ति को जब्त करने और इसे अल्पसंख्यकों के बीच वितरित करने के पार्टी के इरादे की पुष्टि की। कांग्रेस का भारत के गरीबों, दलितों, युवाओं, जनजातियों और पिछड़े वर्गों का सशक्तिकरण कभी एजेंडा नहीं रहा।

सैम के बयान के बाद बैकफुट पर आई कांग्रेस के नेता स्पष्ट कर रहे हैं कि पार्टी का ऐसा कोई ईरादा नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है। ये उनके विचार हैं । उनके विचार हमारे मुंह में क्यों डाल रहे हैं?
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि सैम पित्रोदा उनके सहित दुनिया भर में कई लोगों के लिए एक गुरु, मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक रहे हैं। पित्रोदा उन मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से अपनी राय व्यक्त करते हैं जिनके बारे में वह दृढ़ता से महसूस करते हैं। निश्चित रूप से लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए स्वतंत्र है।

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थिति को प्रतिबिंबित करते हैं। उन्होंने कहा कि पित्रोदा की टिप्पणियों को “सनसनीखेज” बनाने का उद्देश्य प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के “दुर्भावनापूर्ण और शरारती चुनाव अभियान” से “ध्यान भटकाना” है।

वहीं सैम पित्रोदा भी अपने बयान पर सफाई दे रहे हैं। पित्रौदा ने कहा कि मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में उदाहरण के तौर पर अमेरिका में ‘विरासत कर’ का उल्लेख किया था। क्या मैं तथ्यों का उल्लेख नहीं कर सकता? मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी। इसका किसी भी नीति से कोई लेना-देना नहीं है। जिसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि किसने कहा कि अमेरिका की तरह भारत में 55 प्रतिशत छीन लिया जाएगा। किसने कहा कि भारत में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए।
साभार -हिस

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