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संस्कार भारती सामूहिक सूर्य अर्घ्य के साथ करेगा भारतीय नववर्ष का स्वागत

नई दिल्ली। संस्कार भारती हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय नववर्ष धूम-धाम से मनाएगा। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

संस्कार भारती ने दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित अपने केंद्रीय कार्यालय ‘कला संकुल’ में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चैत्र शुक्ल प्रथम अर्थात वर्ष प्रतिपदा पर होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। इसके अनुसार इस वर्ष 9 अप्रैल को प्रात: 5.30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ होगा। ‘भारतीय नववर्ष उत्सव’ की शुरुआत सूर्यघाट, यमुना तट, वजीराबाद में सूर्य को अर्घ्य देने के साथ की जाएगी।
नौ अप्रैल को प्रात: 5.30 बजे होने वाले इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकार अपनी कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। उनके द्वारा संगीत-नृत्य की प्रस्तुति के साथ सामूहिक रूप से सूर्य को अर्घ्य देकर भारत और विश्व के मंगल की कामना की जाएगी। साथ ही देश की विविधता और एकता को बनाए रखने की मंगलकामना की जाएगी।

इस कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध कलाकार भी सम्मिलित होंगे। इनमें अभय सोपोरी (संतूर वादक), अभिराम परमहंस (ढोल मृदंग), गुंजन झा (गायन), नलिनी कमलिनी शिष्य मंडली (नृत्य) की प्रस्तुति सहित प्रख्यात चित्रकारों द्वारा भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों की लाइव पेंटिंग मुख्य आकर्षण रहेगी। कार्यक्रम में सांसद मनोज तिवारी भी शामिल होंगे।
संस्कार भारती के कार्यकारी अध्यक्ष प्रभात कुमार ने बताया कि भारतीय नववर्ष हम सबके जीवन में नई आशा, उम्मीद और उल्लास लेकर आता है। संस्कार भारती की दिल्ली प्रांत इकाई इस भारतीय सांस्कृतिक पर्व में सबको सादर आमंत्रित करती है ताकि हम अपनी सनातन परंपराओं से परिचित हों और उनके संरक्षण-संवर्धन में सहभागी बनें।
उन्होंने बताया कि नववर्ष के महत्व को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। ज्यादातर लोग एक जनवरी को नववर्ष के रूप में मानते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इसमें परिवर्तन आया है। हिन्दू नववर्ष की शुरुआत को सभी अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। कई इसे चैत्र नवरात्रि के रूप में तो कई इसे गुढ़ी पाड़वा के रूप में मनाते हैं।

संस्कार भारती के उपाध्यक्ष देवेंद्र खन्ना ने बताया कि हर आयोजन के पीछे कुछ भाव छिपे होते हैं। संस्कार भारती तीन माह में ऐसे कार्यक्रम करता रहता है। इससे पहले होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
साभार – हिस

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