नई दिल्ली। चुनाव आयोग कम मतदान वाली लोकसभा सीटों में मत प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में चुनाव आयोग ने आज निर्वाचन सदन में एक दिवसीय ‘कम मतदाता मतदान पर सम्मेलन’ आयोजित किया। प्रमुख शहरों से नगर निगम आयुक्त और बिहार तथा उत्तर प्रदेश से चयनित जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) को बुलाया गया था।
उन्होंने चिह्नित शहरी और ग्रामीण लोकसभा सीटों में मतदाता सहभागिता और भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक रास्ता तैयार करने के लिए एक साथ विचार-विमर्श किया।
सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने की। इस अवसर पर आयोग द्वारा मतदाताओं की उदासीनता पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनावों में 11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, तेलंगाना, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 67.40 प्रतिशत से कम रहा है।
उत्तर प्रदेश की फूलपुर संसदीय क्षेत्र में जहां सबसे कम 48.7 प्रतिशत मतदान हुआ था वहीं बिहार में नालंदा संसदीय क्षेत्र में सबसे कम 48.79 प्रतिशत मतदान हुआ।
राजीव कुमार ने कहा कि कुल 266 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों (215 ग्रामीण और 51 शहरी) की पहचान की गई है। इनसे संबंधित नगर निगम आयुक्तों, डीईओ और राज्य सीईओ को इसमें सुधार के रास्ते खोजने के लिए बुलाया गया है।
उन्होंने तीन-आयामी रणनीति पर जोर दिया। इसमें सुविधा बढ़ाना, पहचान कर लोगों तक पहुंचना और आरडब्ल्यूए, स्थानीय आइकन और युवा प्रभावशाली लोगों जैसे महत्वपूर्ण हितधारकों की भागीदारी बढ़ाना शामिल है। सीईसी ने भागीदारी और व्यवहार परिवर्तन के लिए बूथ अनुसार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया।
साभार – हिस
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