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अयोध्या भेजे जाने से पूर्व संतों ने किया पूजन
कर्णावती। अयोध्या में निर्माणाधीन भव्य श्रीराम मंदिर के लिए देशभर में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान होंगे। इसके लिए देश भर में एक उत्साह को माहौल है।
जहां मुख्य मंदिर के निर्माण का कार्य अयोध्या में चल रहा है वहीं उस मंदिर परिसर में स्थापित होने वाले परिक्रमा स्तंभ का निर्माण गुजरात के कर्णावती में हो रहा है। वैसे भी गुजराती समाज हमेशा से ही अयोध्या आंदोलन में बढ़चढकर भाग लेता रहा है। उसे इस बात की प्रसन्नता है कि मंदिर निर्माण के साथ जिस स्तंभ पर हिन्दू विजय की पताका फहरायी जाएगी, उसका निर्माण उसके प्रदेश में हो रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य द्वार के सामने स्थापित होने वाले परिक्रमा स्तंभ, द्वार के मिजागरे और ताले का निर्माण कर्णावती महानगर में हो रहा है। मंदिर परिसर में स्थापित होने वाला मुख्य स्तंभ 35 फ़ीट ऊंचा है। इसका वजन 7500 किलोग्राम है। इस स्तंभ को चारों तरफ से 6 छोटे स्तंभों के माध्यम से घेरा जाएगा, यह छोटे स्तंभ 12 फ़ीट के होंगे। 42 द्वार के मिजागरे (कुंडी), ताला तथा 42 झुम्मर के हुक आदि का निर्माण भी कर्णावती के गोता में स्थित अंबिका इंजीनियरिंग में हो रहा है।
मंगलवार को अखिल भारतीय आचार्य सभा के प्रमुख स्वामी परमात्मानंदजी महाराज, श्री चैतन्य संभु महाराज, स्वामी अविचलदास जी महाराज सहित संतों ने अयोध्या भेजे जाने से पूर्व परिक्रमा स्तंभ का पूजन किया। विश्व हिन्दु परिषद के क्षेत्रीय मंत्री अशोक रावल सहित अनेक प्रमुख कार्यकर्ता इस अवसर पर उपस्थित थे।
साभार -हिस