नई दिल्ली। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) भारत में नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एक नई कंपनी का गठन करेगा। इस कंपनी का नाम कलेक्टिव न्यूज रूम (सीएनआर) होगा, जो अप्रैल 2024 से प्रभावी होगी। बीबीसी के चार कर्मचारी पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली कंपनी ‘कलेक्टिव न्यूजरूम’ का गठन करेंगे, जिसके तहत बीबीसी की छह भारतीय भाषा सेवाओं का संचालन किया जाएगा।
बीबीसी भारत में विदेशी निवेश से जुड़े नियमों के पालन के लिए बीबीसी अपने इंडिया ऑपरेशन का पुनर्गठन कर रहा है। इस कंपनी का नाम कलेक्टिव न्यूज़ रूम (सीएनआर) होगा, जो अप्रैल 2024 से प्रभावी होगी।बीबीसी के चार कर्मचारी सीएनआर का गठन करेंगे, जिसके तहत छह भारतीय भाषा सेवाओं का संचालन किया जाएगा। हालांकि, भारत में अंग्रेज़ी भाषा से संबंधित कामकाज बीबीसी के साथ ही बना रहेगा। बीबीसी ने यह फ़ैसला इस साल हुई उस जांच के बाद लिया है, जिसमें कर अधिकारियों ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के स्थित दफ़्तरों में जांच-पड़ताल की थी।
बीबीसी ने मंगलवार को कहा कि भारत में उसके चार कर्मचारियों ने देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कानून के अनुपालन में मंच के लिए सामग्री तैयार करने के लिए भारतीयों के पूर्ण स्वामित्व वाली एक भारतीय कंपनी स्थापित करने के लिए संगठन छोड़ दिया है। नई कंपनी हिंदी, गुजराती, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और मराठी में सामग्री तैयार करेगी। भारतीय डिजिटल प्लेटफार्मों और अंग्रेजी में भारतीय यूट्यूब चैनल के लिए सभी सामग्री सीएनपीएल तैयार करेगा।
दरअसल, सितंबर 2019 में सरकार ने डिजिटल समाचार प्रकाशनों में एफडीआई की अनुमति को 100 फीसदी से घटाकर 26 फीसदी कर दिया था। इसके बाद नवंबर 2020 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से सभी डिजिटल समाचार प्रकाशकों को अपने शेयरधारिता पैटर्न का विवरण प्रस्तुत करने के लिए एक महीने का समय दिया था।
सरकार ने 26 फीसदी से अधिक एफडीआई वाली संस्थाओं को ऐसे निवेश को कम करने और एमआईबी की मंजूरी लेने के लिए 15 अक्टूबर, 2021 तक का समय दिया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि नवंबर, 2020 के सार्वजनिक नोटिस के अनुसार कितनी कंपनियों ने एमआईबी को अपने शेयरधारिता पैटर्न का खुलासा किया। फिलहाल बीबीसी विश्व सेवा की भारत इकाई का 99 फीसदी से ज्यादा स्वामित्व ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के पास है।
साभार – हिस