नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी परिवार की कंपनी यंग इंडियन की देश भर में फैली करीब 751.9 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। ईडी ने यह कार्रवाई हेराल्ड हाउस व कांग्रेस के अन्य प्रकाशन संस्थान से जुड़े मामले में की है। हेराल्ड हाउस का मामला न्यायालय में लंबित है और इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत उनके अनेक नजदीकी कांग्रेस पदाधिकारी जमानत पर हैं।
आर्थिक अपराध की जांच करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने एक बयान में कहा है कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई जांच के बाद यंग इंडियन और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच करने का आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी और विशेषकर जवाहर लाल नेहरू ने स्वतंत्रता प्राप्त होते ही दि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) बनाकर उसके माध्यम से नेशनल हेराल्ड और नवजीवन नामक अखबार शुरू किए। नब्बे के दशक में यह दोनों अखबार बंद हो गए। पर कांग्रेस के दौर में अखबार निकालने के नाम परभारत के कई शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में जमीनें आवंटित की गईं। अखबार बंद हो जाने के बाद एक योजना बनाकर दि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का कर्ज उतारने के लिए गांधी परिवार ने यंग इंडियन नामक कंपनी बनाई और एजेएल को कांग्रेस पार्टी के फंड से 90.21 करोड़ रुपये का कर्जा दिया, फिर कर्जा न लौटा पाने पर यंग इंडियन को ही उसका मालिकान हक सौंप दिया। यानी 90.21 करोड़ रुपए पार्टी फंड से देकर सोनिया परिवार ने दि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की देश भर में फैली हजारों करोड़ की सम्पत्ति का मालिकाना हक प्राप्त कर लिया।
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यह घोटाला वरिष्ठ अधिवक्ता व राजनेता सुब्रह्मण्यम स्वामी लोगों के सामने लाए और जनहित याचिका दाखिल कर इसके मुख्यालय हेराल्ड हाउस को केन्द्र बनाया। उनका कहना था कि यंग इंडियन कंपनी बनाकर सोनिया परिवार ने गैरकानूनी तरीके से एजेएल का अधिग्रहण किया और इस प्रकार सोनिया परिवार और कांग्रेस के कुछ नेता देश भर में एजेएल से जुड़ी करीब 2 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के स्वामी बन गए हैं। इसके बाद आनन फानन में एजेएल को फिर से जीवित कर नेशनल हेराल्ड और नवजीवन का फिर से प्रकाशन शुरू कराया गया है। पर यंग इंडियन के एजेएल पर अधिग्रहण के तरीके को लेकर आर्थिक अपराध का मामला इससे खत्म नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि न्यायालय में मामला जाने के बाद ईडी ने भी मामला दर्ज किया और वह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वर्तमान अध्यक्ष मलिल्कार्जन खड़गे, मोती लाल बोरा और अहमद पटेल सहित अनेक कांग्रेस नेताओं से पूछताछ कर चुकी है। ये सभी नेता सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं पर वहां से कोई राहत नहीं मिली है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत अनेक नेता इस मामले में निचली अदालत से जमानत पर हैं।