Home / National / महापर्व छठ: कल शुक्रवार को नहाय-खाय
महापर्व छठ: कल शुक्रवार को नहाय-खाय

महापर्व छठ: कल शुक्रवार को नहाय-खाय

  • लोक आस्था के महापर्व छठ के लिए मिट्टी का चुल्हा बनाने में जुटी महिलाएं

बेगूसराय। लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत होगी। शनिवार को खरना, रविवार को अस्ताचल गामी (डूबते हुए) सूर्य एवं सोमवार को उदयाचल गामी (उगते हुए) सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा।

छठ को लेकर जहां बाजार सज गए हैं, वहीं गांव से जुड़े सामग्री की तैयारी तेज हो चुकी है। आधुनिकता के दौर में घर से मिट्टी का चूल्हा और लकड़ी का जलावन गायब हो गया है। करीब तमाम घरों में गैस सिलेंडर आ जाने से उसी पर खाना बन रहा है। लेकिन, छठ के अवसर पर खरना से लेकर डाला के लिए प्रसाद बनाने का काम मिट्टी के चूल्हे पर ही किया जाता है।

इस खबर को भी पढ़ेंः-केन विलियमसन ने कहा- न्यूजीलैंड की स्वर्णिम पीढ़ी अभी खत्म नहीं हुई

इसके लिए हर घर में चूल्हा बनाया जा रहा है। सभी गांवो में महिलाएं चूल्हा बना रही है, जलावन की तैयारी में जुट गई है। घर-घर के अलावा विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर भी महिलाओं की टोली के द्वारा छठ के लिए चूल्हा बनाया जा रहा है। महिलाएं छठ मैया के गीत गाते हुए चूल्हे का निर्माण कर रही हैं। चूल्हा बना छठ व्रत के नियम बहुत ही कठिन होते है।

यह पर्व नहीं महापर्व है, जिसमें साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष ध्यान दिया रखा जाता है। इसलिए छठ में मिट्टी से चूल्हे का अपना विशेष महत्व है। क्योंकि मिट्टी के बने चूल्हे और लकड़ी से जली आग को ही पवित्र माना गया है। व्रतियों के अनुसार छठ पूजा में उपयोग होने वाले प्रसाद को चूल्हे पर ही बनाना होता है। इसलिए व्रती कद्दू-भात, पकवान और खीर से लेकर उपयोग होने वाले सभी प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही बनाते हैं।

Share this news

About admin

Check Also

झारखंड में पीजीटी का स्थगित होना राज्य के लाखों युवाओं की जीत : हिमंत बिस्वा सरमा

रांची। राज्य सरकार के द्वारा स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *