नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक चमकता हुआ सितारा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस दशक के अंत तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
उपराष्ट्रपति ने आज संसद भवन देखने आये सैनिक स्कूल, झुंझुनूं (राजस्थान) के छात्रों से संसदीय सौध में संवाद किया। उल्लेखनीय है कि 27 अगस्त को उपराष्ट्रपति राजस्थान के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने सैनिक स्कूल झुंझुनू के छात्रों को संबोधित किया था। इस अवसर पर धनखड़ ने छात्रों को संसद के नए भवन के भ्रमण के लिए आमंत्रित किया था।
उपराष्ट्रपति की इस पहल पर सैनिक स्कूल, झुंझुनूं के 20 छात्रों का एक समूह तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचा है। कल दिल्ली पहुंचने पर इन छात्रों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय देखा था, और आज उन्हें संसद के नए और पुराने दोनों भवनों का भ्रमण कराया गया। सात नवंबर को इन छात्रों का इंडिया गेट, राष्ट्रीय समर स्मारक (वार मेमोरियल), महात्मा गांधी की समाधि राजघाट और राष्ट्रपति भवन के भ्रमण का भी कार्यक्रम है।
उपराष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान छात्रों ने अपने अनुभव साझा किये। उपराष्ट्रपति ने उनसे कहा कि आज भारत जिस गति के साथ आगे बढ़ रहा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। एक समय था जब हमें दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और आज हम दुनिया की पांचवी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा इस विकास यात्रा के दौरान हमने बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ा है और अब हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़ने वाले हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत आज एक चमकता हुआ सितारा है।
अंतरिक्ष में भारत के बढ़ते कदमों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान तीन को लैंड कर के यह सिद्ध कर दिया कि भारत एक नई इबारत लिखने जा रहा है। आज जमीन से लेकर अंतरिक्ष तक भारत का डंका चारों ओर बज रहा है।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि हमें भारत और भारतीयता पर गर्व करना चाहिए और हमें हमारी ऐतिहासिक उपलब्धियाें का जश्न मनाना चाहिए। भारत की विकास यात्रा में हमें यथासंभव योगदान देकर भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि कभी भी तनाव न लें। पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की टेंशन या दबाव में नहीं रहना चाहिए। सहज रहें और सफल होने की अपेक्षा हमेशा एक अच्छा नागरिक बनने का प्रयास करें। अनुशासन में रहें, क्योंकि अनुशासन सफलता की कुंजी है।
नई संसद भवन का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह शानदार भवन जो आपने अभी देखा है यह सिर्फ ढाई साल में बन कर तैयार हुआ है। ये नए भारत की आशाओं और अपेक्षाओं को पूरी करने वाली पंचायत है। आज आपने दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत को देखा है। दुनिया में इससे बड़ी पंचायत कहीं नहीं है और यह पंचायत कुछ महीने पहले इतिहास का साक्षी बनी है। इसी पंचायत में सितंबर में महिला आरक्षण विधेयक पास किया गया है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम समाज में दिखाई देंगे।
साभार -हिस