भोपाल। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सनवर पटेल ने रविवार को एक बयान में कहा कि कपड़ा फाड़ कांग्रेस की तस्वीर सबके साथ सामने आ चुकी है। कार्यकर्ताओं को पीसीसी कार्यालय के बाहर शीर्षासन करना पड़ रहा है। कोई कमलनाथ के बंगले के बाहर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश कर रहा है। कांग्रेस में दिन प्रतिदिन इस तरह के मामले और ज्यादा बढ़ेंगे, क्योंकि यह चुनाव कांग्रेस नहीं, प्रदेश में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ और दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को स्थापित करने के लिए लड़ रहे हैं।
कांग्रेस को डैमेज करने वालों को छिपकर करना पड़ रही अचानक बैठक
डॉ. पटेल ने कहा कि कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि कांग्रेस को डैमेज करने वालों को ही अब छिपकर डैमेज कंट्रोल की बैठक अचानक बुलाना पड़ रही है। कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते पीसीसी और कमलनाथ के बंगले के अलावा कोई दूसरी जगह छिपकर तलाशना पढ़ रही है।
पुत्र मोह ने डुबो दिया कांग्रेस का जहाज
उन्होंने कहा कि मिस्टर बंटाढार और करप्शनाथ की जुगलबंदी ने पूरी कांग्रेस को गुटों और गिरोह में बटने पर मजबूर कर दिया है। दोनों नेताओं ने पुत्र मोह में अपने-अपने बेटों को स्थापित करने के लिए साथ रहकर अलग-अलग ऐसी चाल चली कि कांग्रेस की बूरी हार की तस्वीर चुनाव से पहले ही सामने आ गई है। कुछ दिन पहले जो कार्यकर्ता उनकी जय जयकार कर रहे थे, अब उनके फोटो पर कालिख पोत रहे हैं।
टिकटों का ठेका मछली के तालाब जैसे दोनों ने बाट लिया
डॉ. पटेल ने कहा कि दोनों नेताओं ने बाकायदा टिकटों को लेकर ठेका जैसा तालाबों में मछली का ठेका लिया जाता है उसी तर्ज पर महाकौशल तेरा, मालवा मेरा, विंध्य तेरा और ग्वालियर चंबल मेरा में टिकट देने का ठेका ले लिया। अब कांग्रेस दोनों नेताओं की बेटों की महत्वकांक्षा को लेकर कांग्रेस को गर्त में डाल चुकी है। 3 दिसंबर को जब चुनाव का परिणाम आएगा तब यह दोनों नेताओं के कपड़े और कोई नहीं जगह-जगह कार्यकर्ता फाड़ेंगे।
कांग्रेस में आपातकाल जैसी स्थिति, बुलाना पड़ी अचानक बैठक
भाजपा प्रवक्ता डॉ. पटेल ने कहा कि कांग्रेस की सूचियों घोषित होने के बाद अंदर ही अंदर आपातकाल जैसी स्थिती हो गई है। अचानक दिग्विजय सिंह और कमलनाथ को दौरा स्थगित करना पड़ा। विरोध को लेकर मंथन अब किया जा रहा है। यह कांग्रेस की रणनीति को दिखाता है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने टिकट को लेकर होमवर्क नहीं किया, बल्कि अपने बेटों को आगे बढ़ाने के लिए जो करना था वो कर दिया। कांग्रेस पर तरस आता है यह समय चुनाव में प्रचार करने का है,लेकिन बेचारी कांग्रेस पार्टी में कार्यकर्ताओं के गुस्से को शांत करने के लिए अब बैठकों का सहारा ले रही है,लेकिन अब कांग्रेस का बंटाढार हो चुका है।
घमंडिया गठबंधन का तोड़ दिया घमंड
उन्होंने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस को तो मध्यप्रदेश में बिखेर दिया,लेकिन पुत्रों के मोहपाश में घमंडिया गठबंधन का घमंड भी चूर-चूर कर दिया। समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने खुद कहा है कि आधी रात को हमारे पदाधिकारियों को जगाया गया। बात हो गई, लेकिन जब लिस्ट आई तो उसमें नाम नहीं निकले। मतलब साफ है कि उन 6 सीटों को भी दोनों ने आपस में बांटकर अपने चेहतों को टिकट से नवाज दिया और राहुल गांधी और खड़गे का मुंह घमंडिया गंठबंधन के सामने नीचा कर दिया।