नई दिल्ली , नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति की शुक्रवार को नई दिल्ली में बैठक हुई। बैठक में कोहरे से निपटने की योजना पर चर्चा हुई। बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने की।
बैठक में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डा. वीके सिंह, सांसद और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और अन्य संबंधित संगठनों के अधिकारी उपस्थित थे। इन्होंने कोहरे की स्थिति के लिए पहले से तैयारी करने की पहल के लिए मंत्रालय को बधाई दी। इस संबंध में कुछ बहुमूल्य सुझाव भी दिये।
बैठक दौरान केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने ब्यौरा देते हुए कहा कि 2021-22 में, कुल 1,36,374 में से 124 उड़ानें रद्द की गईं। रद्द करने की यह दर महज 0.09% थी। 2022-23 में कुल 1,66,927 उड़ानों में रद्दीकरण का आंकड़ा घटकर 86 रह गया। इससे रद्दीकरण की दर 0.05% रह गई गई। इसी तरह से 2021-22 में 8 मुख्य कोहरे वाले हवाई अड्डों से 58 उड़ानें डायवर्ट की गईं, जो 2022-23 में घटकर 14 रह गईं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोहरे के दौरान जमीन के करीब हवा की परत में पानी की बूंदों और धूल की उपस्थिति के कारण दृश्यता खराब हो जाती है। इसलिए हर साल डीजीसीए यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करता है कि एयरलाइंस और एयरोड्रम संचालक कोहरे की स्थिति के लिए पहले से ही खुद को तैयार करने के लिए कार्रवाई करें ताकि उड़ान रद्द करने और डायवर्जन के मामले में व्यवधान और सेवाएं कम से कम हों।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आमतौर पर जमीनी स्तर से कुछ हजार फीट ऊपर तक कोहरा सीमित होता है। प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच की अवधि को आमतौर पर कोहरे की अवधि माना जाता है। इस दौरान 1000 मीटर से नीचे की दृश्यता खराब रहती है। यह उड़ान संचालन को प्रभावित करती है।
साभार -हिस