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सेनाध्यक्ष ने चीन से लौटे 19वें एशियाई खेलों के चमकते सितारों का किया स्वागत

  •  सेना के खिलाड़ी जवानों के साथ बातचीत में अटूट निष्ठा और समर्पण को सराहा

  •  भाला फेंक चैंपियन सेना में सूबेदार नीरज चोपड़ा को भी सम्मानित किया गया

नई दिल्ली, चीन के हांगझू में हुए एशियाई खेलों में पदक लेकर लौटे सेना से जुड़े खिलाड़ियों को भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बुधवार को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में सम्मानित किया। उन्होंने एशियाई खेलों में भाग लेने वाले सेना के खिलाड़ी जवानों के साथ बातचीत की। सीओएएस ने अटूट निष्ठा, फोकस और समर्पण के लिए उनकी सराहना की, जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्र को यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई।

जनरल मनोज पांडे ने खिलाड़ियों को भविष्य के प्रयासों में उनके प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर समर्थन, अत्याधुनिक प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे और विश्वस्तरीय कोचिंग सुविधाओं का आश्वासन भी दिया। सेना के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर जनरल पांडे ने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि भारतीय खिलाड़ी भी रोइंग और नौकायन जैसे खेल आयोजनों में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय ध्वज के लिए खेला और हमें पदक दिलाए। हमें हमारे खिलाड़ियों पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है। उन्होंने कहा कि उनका अनुशासन, दृढ़ता और समर्पण भारतीय सेना के मूल मूल्यों का प्रतीक है।
कार्यक्रम में विश्व के भाला फेंक चैंपियन सेना में सूबेदार नीरज चोपड़ा को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने हांगझू में अपना दूसरा एशियाई खेल स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कहा कि उन्हें बहु-खेल प्रतियोगिता में सेना और देश का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व महसूस होता है। भारतीय सेना ने हमेशा खिलाड़ियों का समर्थन किया है, इसलिए हमें हमेशा सेना पर गर्व है, चाहे हम इसका हिस्सा हों या नहीं। नीरज के अलावा सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में अविनाश साबले और पुरुष कबड्डी टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले अर्जुन देशवाल को भी सम्मानित किया गया।

भारतीय सेना ने अपने खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए 2001 में अपना मिशन ओलंपिक विंग (एमओडब्ल्यू) स्थापित किया, जो अपने रैंकों के भीतर से खेल प्रतिभाओं की खोज करती है। 2021 से सेना ने कम से कम 10 विदेशी कोचों को नियुक्त किया है। उनके साथ मिलकर एशियाई खेलों, ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों जैसे प्रमुख आयोजनों में चैंपियन रहे 16 भारतीय कोचों ने सेना के खिलाड़ियों को बेहतर बनाया है। सेना ने एथलीटों के लिए उच्च प्रदर्शन वाले मनोवैज्ञानिक कंडीशनर और फिजियोथेरेपिस्ट को भी काम पर रखा है। एमओडब्ल्यू के तहत एक खेल विज्ञान प्रयोगशाला भी बनाई गई है और प्रमुख सैन्य स्टेशनों पर अत्याधुनिक सुविधाओं वाले उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए गए हैं।
एशियाई खेलों में 18 सदस्यीय रोइंग टीम का बेहतरीन प्रदर्शन रहा, जिसने प्रभावशाली पांच पदक जीते। कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग, पुणे में रोइंग नोड ने कई रोइंग चैंपियंस के कौशल को निखारा। आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में मुक्केबाजी, कुश्ती और एथलेटिक्स के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र है। इसके एथलीटों ने एशियाई खेलों में सराहनीय प्रदर्शन किया और भारत की मैडल टेली में दस पदकों का योगदान दिया।
साभार -हिस

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