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मप्र के भोजशाला में मां वाग्देवी की प्रतिमा रखने का मामला, हिंदू संगठन का दावा- दर्शन देने के लिए प्रकट हुईं मां

धार/भोपाल, मध्य प्रदेश के धार जिला मुख्यालय पर स्थित हिंदुओं की आस्था का केंद्र ऐतिहासिक भोजशाला एक बार फिर चर्चा में है। रविवार को सुबह सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें भोजशाला में गर्भगृह वाले स्थान पर पाषाण की मां वाग्देवी सरस्वती की प्रतिमा रखी हुई दिखाई दी। इसके बाद हिंदू संगठन के लोग सक्रिय हुए और भोजशाला पहुंच गए। इधर, सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल और आला अधिकारी भी भोजशाला पहुंचे, लेकिन तब तक वहां से मूर्ति हटा दी गई थी।

हिंदू संगठन का आरोप है कि पुलिस द्वारा प्रतिमा हटाई गई है। हिंदू संगठन ने दावा किया कि मां सरस्वती यहां पर भक्तों को दर्शन देने के लिए प्रकट हुई थीं। वहीं, पुलिस प्रशासन ने अपना पक्ष स्पष्ट किया है।

पुलिस ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन स्थित भोजशाला परिसर के बाहर लगी तार फेंसिंग को अज्ञात सामाजिक तत्वों द्वारा रात्रि में काट दिया गया था। स्मारक में मूर्ति रखने का प्रयास किया गया है। हालांकि, जिन लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, उनके बारे में अब तक कुछ पता नहीं चला है।
धार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. इंद्रजीत बाकलवार ने बताया कि ऐसा कृत्य करने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई करेंगे। भोजशाला के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने वाले लोगों पर भी पुलिस की कड़ी नजर है। फिलहाल शहर में शांति कायम है।
गौरतलब है कि धार की ऐतिहासिक भोजशाला में बसंत पंचमी पर मां वाग्देवी यानी सरस्वती की पूजा होती है, लेकिन मुस्लिम इसे मस्जिद मानते हैं। इसीलिए बसंत पंचमी पर यहां अकसर विवाद होते रहे हैं। हालांकि, कुछ वर्षों से यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा एक आदेश जारी कर रखा है। इसके तहत प्रति मंगलवार को हिंदू समाज को पूजा अर्चना करने की अनुमति है, जबकि शुक्रवार को यहां नमाज अदा की जाती है। शेष सप्ताह के पांच दिन भोजशाला पर्यटकों के लिए खुली रहती है। यहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है। बाहर पुलिस चौकी भी बनाई गई है। सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं।
हिंदू संगठन भोजशाला सत्याग्रही गोपाल शर्मा ने बताया कि हमें इस बात की जानकारी मिली कि मां सरस्वती की प्रतिमा गर्भगृह में रखी गई है। यह किसने रखी है, हमें नहीं मालूम, लेकिन हमारे धर्म में मान्यता है कि प्रतिमाएं स्वयं प्रकट होती हैं। यदि किसी ने रखी भी है तो उसने अच्छी पहल की है। हम लगातार कई सालों से केवल आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उसका हमें कोई नतीजा नहीं मिल रहा।
भाजपा नेता अशोक जैन ने कहा कि गर्भ गृह से प्रतिमा नहीं हटाई जानी चाहिए थी। वह स्वयं प्रकट हुई है। ऐसे में हम प्रशासन और पुलिस से यह मांग करते हैं कि वह तत्काल ही प्रतिमा को वापस रखा जाए। ऐसा नहीं होने पर हम आंदोलन करेंगे।
साभार – हिस

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