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शिमला में जगह-जगह भूस्खलन, चम्बा में 290 भेड़-बकरियों की दबकर मौत
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सोलन के चायल कोटी में हुए भूस्खलन से कालका शिमला रेल मार्ग अवरुद्ध

शिमला,हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है। पिछले साल की तुलना में इस बार मानसून ने चार दिन पहले राज्य में दस्तक दी है। मौसम विज्ञान केंद्र, शिमला ने इसकी पुष्टि की है। केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि दक्षिणी-पश्चिमी मानसून शनिवार को हिमाचल प्रदेश में दाखिल हो गया है और अगले दो दिन राज्य के अधिकतर हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है। सिरमौर, शिमला, सोलन, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है।
इस बीच मानसून की व्यापक वर्षा ने राज्य के कई इलाकों में कहर बरपा दिया है। राजधानी शिमला में जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। कई स्थानों पर पेड़ धराशायी हो गए हैं और कई जगह मलबे की चपेट में वाहन आए हैं। सोलन के चायल कोटी में हुए भूस्खलन से कालका शिमला रेल मार्ग अवरुद्ध होने से रेलगाड़ियाें की आवाजाही भी ठप हो गई है।
चम्बा जिला के भरमौर में कुंगली जोत के समीप हिमस्लखन होने के कारण 290 भेड़-बकरियों की मौत हो गई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक क्षेत्र के नौ भेड़ पालकों की भेड़- बकरियों की मौत हुई है। भेड़ पालक इस हादसे वाले रास्ते से गुजर रहे थे कि हिमस्खलन होने से भेड़-बकरियां इसकी चपेट में आ गईं।
राजधानी शिमला में प्री मानसून की पहली ही बारिश ने स्मार्ट सिटी के विकास कार्यो की भी पोल खोल कर रख दी है। शहर के कृष्णा नगर में रात भर हुई बारिश के बाद पानी व तेज़ बहाव ने नाले को रुख बदला और मलबे के साथ चार वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। नतीजतन, जहां वाहन क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं स्लाटर हाउस को जाने वाली सड़क में भी सारा मलबा आ गया, जिससे सड़क नाले में तब्दील हो गई।
इसी तरह समरहिल में पेड़ गिरने से सड़क बंद हो गई है। ढली बाईपास रोड भी मलबा आने से नेशनल हाइवे-पांच कुछ समय के लिए बंद रहा।
कृष्णानगर में मलबे की चपेट में आए वाहनों के मालिकों ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर जो नाले बनाए गए, उनमें घटिया सामग्री इस्तेमाल की गई है। जो प्री मॉनसून की बारिश में बह गया और उनके वाहनों को भारी नुकसान पहुंचा है।
उपनगर संजौली में समिट्री के पास निर्माणाधीन टनल का मलबा लोअर समिट्री में खड़े तीन वाहनों पर जा गिरा। मलबे में वाहनों का आधा हिस्सा दब गया है और सड़क भी बाधित है। स्थानीय निवासी रमेश ठाकुर व देवेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि टनल का निर्माण कार्य जारी है, जिससे पानी का बहाव सड़क व घरों की तरफ़ मोड़ दिया गया है। नतीजतन, आने वाली बरसात में और भी भारी नुकसान होने की आशंका है।
इधर, खराब मौसम के बीच जिला सिरमौर के राजगढ़ के बडू साहिब बठिंडा जा रही पंजाब रोडवेज ट्रांसपोर्ट की बस लैंड स्लाइड कि चपेट में आने से लटक गई। गनीमत रही बस खाई में जाने से बाल बाल बच गई। इसी तरह शिमला जिला के चौपाल उपमंडल में एचआरटीसी की बस दुर्घटनाग्रस्त हुई। हादसे में बस में सवार चालक व परिचालक घायल हुए हैं।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बीते 24 घण्टों में मंडी जिला के कटौला में 163 मिमी, चम्बा के सिंहुता में 160 मिमी, सोलन के कसौली में 145, कांगड़ा में 143, शिमला शहर में 99, गोहर में 81, पण्डोह में 74, सुंदरनगर में 70 और पच्छाद में 65 मिमी वर्षा हुई है।
साभार -हिस
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