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शिवराज मंत्रिपरिषद ने प्रदेश हित में लिए कई अहम निर्णय
भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में मप्र मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि कक्षा 12वीं में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को ई-स्कूटी प्रदान की जाएगी। ऐसे नौ हजार टॉपर विद्यार्थियों को ई-स्कूटी मिलेगी। साथ ही मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा को छह लाख से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने के प्रस्ताव को अनुमति दी। बैठक में जिले के अंदर के स्थानांतरण 15 से 30 जून तक किए जाने का निर्णय लिया गया।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिपरिषद ने तय किया है कि ई-स्कूटी प्रदेश के 12वीं पास उन नौ हजार विद्यार्थियों को दी जाएगी, जो अपने स्कूल के टॉपर हैं। वहीं, जिले में 15 से 30 जून तक के लिए अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों से बैन हटा लिया गया है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने सहकारी नीति 2023 का अनुमोदन किया है। इसमें नए क्षेत्रों में सहकारी समितियां गठित कर रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है। साथ ही सहकारी समितियों के चुनाव समय पर हो, इसके लिए प्रक्रिया में सुधार किया जाएगा। वर्तमान में सहकारी समितियों के सशक्तीकरण के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा जिलों में कोर ग्रुप बनाए जाएंगे जो निवेश की संभावनाओं को तलाशेंगे। इसके साथ ही सहकारिता नीति को मंजूरी देने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य बन गया है।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने एससी-एसटी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। इसके साथ ही 29 नई ‘समूह नल जल योजनाओं’ को मंजूरी दी गई। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना के लिए भुगतान सुरक्षा की गारंटी, मुख्यमंत्री यूथ इंटर्नशिप फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम में संशोधन को स्वीकृति दी गई। मध्य प्रदेश के स्थाई निवासी ‘शौर्य अलंकरण श्रृंखला’ के मेडल मिलने वालों को सरकार की ओर से दी जाने वाली पुरस्कार राशि में बढ़त भी बहाल की गई है।
उन्होंने बताया कि बैठक में नवीन हवाई पट्टी निर्माण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। सिंगरौली में निजी जनभागीदारी से नवीन हवाई पट्टी का निर्माण किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि 25 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य पंचायतें करेंगी। अभी यह कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से कराया जाता था। इसके साथ ही पंचायतों को दो-दो नए काम करने की स्वतंत्रता भी देने का निर्णय लिया गया है। अधूरे काम पूरा करने को पंचायतों द्वारा प्राथमिकता दी जाए, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। हैंडपंप मैकेनिकों को अब प्रति हैंडपंप 75 रुपये के स्थान पर सौ रुपये मानदेय मिलेगा। इसके लिए अधिकतम सीमा 120 हैंडपंप रहेगी।
साभार -हिस