नई दिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए नियम बनाएगी कि यह ‘डिजिटल नागरिकों’ को नुकसान न पहुंचाए।
चंद्रशेखर आज भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में डिजिटलीकरण के मामले में भारत की प्रगति पर बात रख रहे थे। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार एक डिजिटल इंडिया विधेयक पर काम कर रही है, जिसमें एआई को विनियमित करने के प्रावधान शामिल होंगे।
उन्होंने उल्लेख किया कि 85 करोड़ भारतीय इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जो 2025 तक बढ़कर 120 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा, “इंटरनेट पर विषाक्तता और आपराधिकता काफी बढ़ गई है। हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे।”
कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगर हम साल 2004 से 2014 के काल खंड को तकनीक की नजर से देखें तो उसके लिए सबसे उपयुक्त कथन होगा- भ्रष्टाचार की दुकान। उस दौर में 2-जी स्कैम हुआ, अंतरिक्ष-देवास स्कैम हुआ… निवेशक भारत छोड़ कर जा रहे थे और बीएसएनएल को इस दशक में बिलकुल तबाह कर दिया गया।”
उन्होंने कहा कि साल 2014 में हम दुनिया के सबसे बड़े ‘अनकनेक्टेड’ देश थे लेकिन आज हम दुनिया में सबसे बड़े मोबाइल इंटरनेट के उपयोगकर्ता हैं और हमारे यहां इंटरनेट की दरें सबसे कम हैं। एक समय था जब टेलीकॉम सेक्टर के अधिकतर कंपोनेंट आयात किए जाते थे लेकिन आज स्थिति यह है कि हम 700 जिलों को 5G तकनीक से जोड़ चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले 9 साल में देश में हुए कायापलट का जिक्र करते हुए कहा कि बीते 9 साल में भारत डिजिटल लेनदेन में दुनिया का सबसे बड़ा देश बना है। तकनीक के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के कामकाज में बड़े सुधार सुनिश्चित किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में डीबीटी का मज़ाक उड़ाया था। लेकिन आज, भारत के लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने तकनीक के इस्तेमाल से उनके जीवन में क्या बदलाव लाए हैं।
साभार -हिस