Home / National / राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष का शुभारम्भं
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष का शुभारम्भं

  • संघ शिक्षा वर्ग साधना है- रामदत्त

नागपुर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का सोमवार 8 मई को नागपुर स्थित डॉक्टर हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में स्थित महर्षि व्यास सभागार में प्रारम्भ हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह और वर्ग के पालक अधिकारी रामदत्त ने कहा कि कष्ट में आनंद कि अनुभूति को साधना कहते है और संघ शिक्षा वर्ग एक प्रकार की साधना ही है। इस दौरान अखिल भारतीय सह सर कार्यवाह के सी मुकुंदन तथा अवध प्रांत के संघचालक कृष्ण मोहन जी (वर्ग के सर्वाधिकारी) भी वहां उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण के लिए प्राथमिक वर्ग के बाद प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग आयोजित किए जाते हैं। तृतीय वर्ष हर वर्ष मई-जून के बीच नागपुर में आयोजित किया जाता है। इसमें देश और दुनिया में संघ कार्य से जुड़े स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाता है।

इस बार तृतीय वर्ष में प्रशिक्षण हेतु देश के विभिन्न प्राँतों से आये 682 प्रशिक्षार्थी स्वयंसेवक सहभागी हो रहे हैं। वर्ग का पथसंचलन 21 मई को होगा तथा वर्ग का समापन 1 जून को होगा।
दीप प्रज्वलन तथा भारत माता की प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पण करने के पश्चात देशभर से आये स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए रामदत्त ने कहा कि जिस प्रकार किसान अपने खेतों में बीज का रोपण करता है, उसी प्रकार संघ शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवकों के भीतर संस्कारों का बीजारोपण करता है। रेशिमबाग की यह पवित्र भूमि डॉ. हेडगेवार तथा श्री गुरूजी की तपोस्थली है। यहां आनेवाले हर स्वयंसेवक को देश प्रथम, ‘स्व’ के प्रति गौरव, प्रामाणिकता, देश भक्ति, अनुशासन और स्नेह का भाव विकसित करने का अवसर प्राप्त होता है।

रामदत्त ने कहा कि वर्ग में सम्मिलित स्वयंसेवकों को अन्य प्रांतों से आये न्यूनतम दो स्वयंसेवकों से गहन परिचय करना चाहिए। उनके प्रांतों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। रामदत्त जी ने आगे कहा कि स्वयंसेवकों को समाज के प्रश्नों की केवल चर्चा ही नहीं अपितु, समाधान ढूंढने वाला बनना चाहिए।
इस अवसर पर रामदत्त ने आवाहन किया कि संघ शिक्षा वर्ग में रहते हुए हमें संघ के स्वभाव को भी समझना चाहिए। साथ ही संघ मत में निजी मत को विलीन करना सीखना होगा। यही संगठन का गुण है। साथ ही स्वयंसेवकों को समाज में कार्य करते समय अग्रेसर होकर कार्य करनेवाला बनना होगा।
रामदत्त ने बताया कि शीघ्र ही संघ स्थापना को सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। संघ शिक्षा वर्ग में सम्मिलित होनेवाले स्वयंसेवकों को इस बात का विचार करना होगा कि आनेवाले दिनों में कार्य विस्तार को लेकर हमारी भूमिका क्या होगी? इस दृष्टी से विचार करना होगा तथा संघ और समाज के विचार को एकरूप होने तक हमें प्रयासरत रहना होगा।
साभार -हिस

Share this news

About desk

Check Also

भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय वार्ता में ‘व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ पर की चर्चा

मालदीव के साथ चल रहे तनावों के बावजूद वार्ता में कूटनीतिक जुड़ाव का संकेत ​नई …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *