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कृषि अनुसंधान में सहयोग के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय बैठक
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मेहमानों ने बड़ालालपुर टीएफसी में श्री अन्न के व्यंजन बनाने की विधि देखी
वाराणसी, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जी-20 की 100वीं एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को संपन्न हो गई। नदेसर स्थित तारांकित होटल में आयोजित अंतिम दिन की बैठक में जी-20 देशों के कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि चुनौतियों से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग करने पर प्रतिबद्धता जताई ।
बैठक में श्री अन्न के उत्पादन एवं पोषण के लिए प्राचीन अनाज अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पहल (महर्षि), पर एकीकृत दृष्टिकोण, समन्वित कार्रवाई के लिए साझेदारी और नीतियों के बनाने पर खासा जोर दिया गया। कृषि खाद्य प्रणाली में परिवर्तन के लिए नवाचार और तकनीकी, खाद्य सुरक्षा और पोषण प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में फ्रंटियर्स, पोषण मूल्य बढ़ाने के लिए खाद्य फसलों में बायोफोर्टिफिकेशन, पोषण और नीली क्रांति के लिए उष्ण कटिबंधीय समुद्री शैवाल की खेती को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने विमर्श किया। इसके अलावा सीमा पार कीट और रोग, टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणालियों के लिए अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताएं, टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकी और नवाचार, प्राकृतिक खेती, रेजिलिएंट एग्रीफूड सिस्टम के निर्माण के लिए विज्ञान और नवाचार, जैविक नाइट्रिफिकेशन इनहिबिशन (बीएनआई), जीएचएस उत्सर्जन को कम करना और फसल की पैदावार बढ़ाने पर व्यापक चर्चा की गई। जी-20 देशों के कृषि वैज्ञानिकों ने आपसी सहयोग पर खासा जोर दिया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डाॅ. हिमांशु पाठक की मौजूदगी में कृषि अनुसंधान में भावी सहयोग के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय बैठक भी हुई। इसमें भविष्य में पारस्परिक रूप से सहमत क्षेत्रों पर आपसी सहयोग के लिए प्रारंभिक चर्चा हुई। इसे दोनों देश आने वाले समय में मूर्त रूप देंगे। भारत-जर्मनी की द्विपक्षीय बैठक में सार्क क्षेत्र को लक्षित खाद्य क्षति और अपशिष्ट रोकथाम की चुनौतियों का समाधान करने के लिए चर्चा की गई। तीसरे दिन की बैठक में जी-20 के सदस्य देशों के 80 प्रतिनिधियों के अलावा आमंत्रित अतिथि देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठन और भारत द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्यों ने भागीदारी की।
विदेशी मेहमानों ने बड़ालालपुर टीएफसी में किया भ्रमण,देखी कृषि प्रदर्शनीः
जी-20 देशों के सम्मेलन के समापन के बाद मेहमानों ने बड़ालालपुर स्थित पं.दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल (टीएफसी) में भ्रमण किया। यहां हस्तशिल्प कला और कारीगरी के बारे में सदस्यों ने रुचि दिखाई। मेहमानों के लिए स्थानीय हस्तशिल्प कारीगरों के उत्पादों की लाइव झलक दिखाई गई। संकुल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,राज्य कृषि विभाग, आईआरआरआई-एसएआरसी एनडीडीबी, एपीडा संगठनों के प्रमुख संस्थानों की कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन मेहमानों ने किया। संकुल में ही उन्हें श्री अन्न के व्यंजनों को बनाने की विधि दिखाई गई। इस दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव संजय गर्ग, उपमहानिदेशक (एई) डॉ. यू.एस. गौतम आदि भी मौजूद रहे।
साभार -हिस