इंदौर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आज सरकार सिर्फ अपने मन की बात सुना रही है। वह जनता के मन की बात सुनना ही नहीं चाहती। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब सरकार खुद संसद नहीं चलने देना चाहती। लगातार संसद ठप की जा रही है, ताकि विपक्ष के नेता कुछ भी बोल न सकें। संविधान खतरे में है और भाजपा अब इसे भी खत्म करने की तैयारी कर रही है।
शशि थरूर मंगलवार को इंदौर में रवीन्द्र नाट्यगृह में अधिवक्ताओं द्वारा संविधान का संरक्षण और संविधान का उत्थान विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने केन्द्र सरकार पर जाति के नाम पर देश को बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि क्या सरकार डिवाइड एन्ड रूल की नीति पर चल रही है? धर्म आधारित राजनीति को सुनने वाले पाकिस्तान चले गए। बाकी ने गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल के भारत को चुना। भाजपा से जुडी विचारधारा ने तब भी इसे पसंद नहीं किया और अब भी पसंद नहीं कर रही है। कांग्रेस संविधान को पूरा सम्मान देना चाहती है। कोई हिन्दू खतरे में नहीं है, संविधान जरूर खतरे में है। ऐसे ही चलता रहा तो पार्टिशन इन द स्वाइल ऑफ इंडिया हुआ था, अब पार्टिशन इन सोल ऑफ इंडिया होगा।
लोकसभा सांसद थरूर ने कहा कि देश में आज राष्ट्रपति तो कहीं दिखाई ही नहीं देती। भाजपा ने उनका कद इतना कम कर दिया कि जहां राष्ट्रपति को होना चाहिए, वहां भी प्रधानमंत्री मोदी ही नजर आते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की धार्मिक विविधता का उदाहरण 1971 का पाकिस्तान युद्ध है। इस युद्ध में भारतीय सेना की विभिन्न कमानों की अगुआई पारसी, सिख, मुस्लिम, ईसाई आदि धर्मों के लोग थे। उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है तो क्या यहां दूसरे धर्म के लोगों के लिए बराबर के अधिकार नहीं होंगे। यह हम सभी के लिए सोचने का विषय है।
कार्यक्रम में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी मौजूद थे। इस मौके पर “गांधी सियासत और सांप्रदायिकता” का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं के साथ बड़ी संख्या में विधि छात्र भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मौके पर जनता को संबोधित किया।
साभार -हिस