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एयरो इंडिया में बंधन समारोह में करीब 80 हजार करोड़ रुपये की 266 साझेदारियां हुईं
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‘साइबर सुरक्षा’ पर डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज का 9वां संस्करण लॉन्च किया गया
रक्षा मंत्री बुधवार को बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया के तीसरे दिन ‘बंधन’ और समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। बंधन समारोह में 201 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, 53 प्रमुख घोषणाएं की गईं, नौ उत्पाद लॉन्च किये गए और प्रौद्योगिकी के तीन हस्तांतरण सहित लगभग 80 हजार करोड़ रुपये की 266 साझेदारियां हुईं। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने ‘साइबर सुरक्षा’ पर डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज का 9वां संस्करण लॉन्च किया। रक्षा मंत्री ने हर क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप के विकास की सराहना की, जिनकी संख्या आज बढ़कर लगभग एक लाख हो गई है, जिसमें 100 से अधिक यूनिकॉर्न शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि हमने 2021-22 के लिए भारतीय रक्षा उद्योग का हिस्सा 64% किया था, लेकिन रिकॉर्ड तोड़ते हुए यह खरीद 65% तक पहुंच गई। इसलिए 2022-23 के लिए हमने इसका हिस्सा 68% कर दिया। अब भारत के ‘अमृत काल’ को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के रक्षा बजट का 75 प्रतिशत हिस्सा घरेलू उद्योग में खर्च करने के लिए निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2020-21 के दौरान हमने पिछले रक्षा बजट में पूंजीगत खरीद के लिए 58% हिस्सा भारतीय रक्षा उद्योग के लिए आरक्षित किया था, जो भारतीय रक्षा उद्योग के लिए यह लम्बी छलांग थी।
उन्होंने कहा कि आप अगर एक कदम बढ़ाते हैं, तो सरकार का यह वादा है कि सरकार उसके लिए दस कदम आगे बढ़ाएगी। आपने हमसे विकास की राह पर दौड़ने के लिए जमीन की बात की थी, पर आपकी गति और ऊंचाइयों को देखते हुए हम आपको भरा-पूरा आसमान उपलब्ध कराने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस कदम के बाद हमारा रक्षा उद्योग और भी अधिक जोश और उत्साह के साथ सामने आएगा और देश के रक्षा क्षेत्र को और अधिक सशक्त और समृद्ध करने में अपना योगदान देगा। यह बड़ी खुशी की बात है कि एयरो इंडिया 2023 इसका साक्षी बना है। एयरो इंडिया ने हमें इस बात के लिए प्रेरित किया है कि अपनी प्रगति की राह पर न तो हम कहीं थकेंगे, न ही कभी थमेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एयरो इंडिया ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि नए भारत का नया डिफेन्स सेक्टर पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत ही नहीं हुआ है, बल्कि दुनिया के अग्रणी देशों के साथ कदमताल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस समापन के साथ ही भारतीय रक्षा उद्योग के लिए एक नई राह प्रशस्त हो रही है। यह भारतीय रक्षा उद्योग के लिए आत्मनिर्भरता के नए युग की शुरुआत है, जिसमें यह सेक्टर नई ऊर्जा, नए संकल्प और नए उत्साह के साथ अपनी प्रगति की राह पर मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा।
साभार- हिस