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भारत ने रॉयल कंबोडियाई सेना के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल की पेशकश रखी
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कंबोडिया ने पहली आर्मी टू आर्मी स्टाफ टॉक्स के आयोजन की घोषणा की
नई दिल्ली, भारत यात्रा पर आये रॉयल कंबोडियन आर्म्ड फोर्सेज (आरसीएएफ) के डिप्टी कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हुन मानेट के बीच वार्ता में सहमति बनी है कि कंबोडिया जल्द ही अपने सैन्यकर्मियों को प्रशिक्षण के लिए भारत भेजेगा। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रॉयल कंबोडियाई सेना के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल की पेशकश की। भारतीय सेना भी अपने प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में विभिन्न समकालीन विषयों में पाठ्यक्रम लागू करने के साथ ही कंबोडिया में एक प्रशिक्षण दल तैनात करेगी।
रॉयल कंबोडियन सशस्त्र बल (आरसीएएफ) के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ और रॉयल कंबोडियन सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हुन मानेट 02 फरवरी को प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंचे थे। यह पहला मौका था, जब रॉयल कंबोडियन सेना के कमांडर पहली बार भारत यात्रा पर आये, जो दोनों देशों की सेना के बीच संबंधों में एक मील का पत्थर है। उन्होंने 3 फरवरी को राष्ट्रीय समर स्मारक पर भारतीय सशस्त्र बलों के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर अपनी यात्रा शुरू की।
उन्होंने रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने से मुलाकात की और उन्हें रक्षा उत्पादन विभाग और आर्मी डिजाइन ब्यूरो के स्वदेशी रक्षा उपकरण निर्माण इको-सिस्टम के बारे में जानकारी दी गई। बाद में उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी से मुलाकात की। बाद में साउथ ब्लॉक लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर देकर जनरल ऑफिसर का औपचारिक स्वागत किया गया, जिसके बाद उन्होंने थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे से मुलाकात की।
इस बैठक के दौरान सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रॉयल कंबोडियाई सेना के लिए अनुकूलित प्रशिक्षण मॉड्यूल की पेशकश रखी और लेफ्टिनेंट जनरल हुन मानेट ने कंबोडिया में पहली आर्मी टू आर्मी स्टाफ टॉक्स के आयोजन की घोषणा की। भारतीय सेना अपने प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में विभिन्न समकालीन विषयों में पाठ्यक्रम आयोजित करने के साथ ही और कंबोडिया में एक प्रशिक्षण दल तैनात करेगी। दोनों प्रमुखों ने स्टाफ वार्ता के लिए ‘संदर्भ की शर्तों’ पर हस्ताक्षर किए और अनुकूलित प्रशिक्षण फ़ोल्डरों का आदान-प्रदान किया।
लेफ्टिनेंट जनरल हुन मानेट ने 04 फरवरी को दिल्ली कैंट स्थित राजपूताना राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर का दौरा किया। उन्हें अग्निवीरों की प्रशिक्षण गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने स्वदेशी रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन भी देखा। नई दिल्ली से प्रस्थान करने से पहले कंबोडियन सैन्य अधिकारी ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों सैन्य अधिकारियों में प्रमुख क्षेत्रीय विकास, आपसी हित के मुद्दों और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा हुई।
भारत और कंबोडिया के सम्बन्ध
भारत और कंबोडिया के बीच सदियों पुराना सांस्कृतिक, धार्मिक और आमजन के बीच जुड़ाव रहा है। कंबोडिया भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में एक प्रमुख भागीदार बना हुआ है। दोनों देश रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग 2007 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग समझौते द्वारा नियंत्रित है। भारत और कंबोडिया के बीच सैन्य संबंध हाल के दिनों में बढ़े हैं और प्रशिक्षण सहयोग, काउंटर-आईईडी, डिमाइनिंग और यूएन पीसकीपिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार करने की योजना है।
दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय तंत्र को आर्मी टू आर्मी स्टाफ वार्ता के माध्यम से संस्थागत किया जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाएगा। वर्ष 1991 में पेरिस शांति समझौते के बाद यूएनटीएसी (यूएन ट्रांजीशन अथॉरिटी इन कंबोडिया) का हिस्सा बनने वाली भारतीय बटालियनों (1 असम रेजिमेंट और 4 जैक रिफ़) ने मौजूदा रॉयल कंबोडियन सशस्त्र बलों के साथ सीधा संबंध स्थापित किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जून, 2018 और नवंबर, 2022 में अपनी यात्रा के दौरान कंबोडिया में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बहुत आगे ले जाने के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
साभार- हिस