नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर की अर्थव्यवस्था और प्रगति में पर्यटन की भूमिका को अहम बताया और कहा कि विकास की दौड़ में पिछड़ गये वंचितों के लिए काम करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से असम के बारपेटा में कृष्णगुरु सेवाश्रम में विश्व शांति के लिए आयोजित कृष्णगुरु एकनाम अखंड कीर्तन में श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि कृष्ण गुरु द्वारा प्रचारित ज्ञान, सेवा और मानवता के संदेश से भारतीय परंपरा और भी मजबूत होती जा रही है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि बीते 8-9 वर्षों में देश ने सबके साथ और सबके विकास के लिए समर्पण भाव से काम किया है। आज विकास की दौड़ में जो जितना पीछे है, देश के लिए वो उतनी ही पहली प्राथमिकता है। यानी जो वंचित है, उसे देश आज वरीयता दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम पूर्वोत्तर और असम के विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। पर्यटन इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और प्रगति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस बार आम बजट 2023-24 में पर्यटन से जुड़े अवसरों को बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। देश में 50 पर्यटन स्थलों को विशेष अभियान के तहत विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत की सबसे बड़ी अहमियत, सबसे बड़ा मूल्यवान खजाना हमारे नदी तटों पर ही है, क्योंकि हमारी पूरी संस्कृति की विकास यात्रा नदी तटों से जुड़ी हुई है। मोदी ने कहा कि आप सभी ने गंगा विलास रिवर क्रूज के बारे में सुना होगा और बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक इस पर यात्रा कर रहे हैं। कुछ समय बाद यह क्रूज असम पहुंचेगा और राज्य के रिवर बेसिन से होकर गुजरेगा। इसके यात्री भारत की संस्कृति का अनुभव कर रहे हैं और उन स्थलों के बारे में जान रहे हैं जहां वे जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस क्रूज पर यात्रियों के माध्यम से असम की सुंदरता और संस्कृति को दुनिया जानेगी।
मोदी ने कहा कि बीते 8-9 वर्षों में देश में गोमोशा को लेकर आकर्षण बढ़ा है, तो उसकी मांग भी बढ़ी है। उन्होंने कहा, “जब असम के शिल्प की बात होती है तो यहां के ‘गोमोशा’ का भी जिक्र अपने आप हो जाता है। मुझे खुद ‘गोमोशा’ पहनना बहुत अच्छा लगता है।”
उन्होंने कहा कि महिलाओं की आय उनके सशक्तिकरण का माध्यम बने इसके लिए 2023-24 के बजट में ‘महिला सम्मान बचत योजना’ शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को बचत पर विशेष रूप से अधिक ब्याज का फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की कल्याणकारी योजनाओं की प्राणवायु, समाज की शक्ति और जन भागीदारी है। उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि कैसे देश ने स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया और फिर जन भागीदारी ने इसे सफल बना दिया। डिजिटल इंडिया अभियान की सफलता के पीछे भी सबसे बड़ी वजह जनभागीदारी ही है।”
उन्होंने कहा कि पारंपारिक तौर पर हाथ से किसी औजार की मदद से काम करने वाले कारीगरों को विश्वकर्मा कहा जाता है। देश ने पहली बार इन पारंपरिक कारीगरों के कौशल को बढ़ाने का संकल्प लिया है। इनके लिए ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना’ शुरू की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2023 में भारत की पहल पर पूरा विश्व मिलेट ईयर भी मना रहा है। मिलेट यानी मोटे अनाजों को अब एक नई पहचान दी गई है। ये पहचान श्री अन्न है यानि अन्न में जो सर्वश्रेष्ठ है, वो श्री अन्न है।
साभार- हिस