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RAJNATH SINGH

रक्षा मंत्री ने दिया भारत की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता बढ़ाने पर जोर

  •  सैन्य साजो-सामान की बढ़ती मांग के चलते भारत के पास अपनी क्षमताओं को दिखाने का मौका

  •  तेजी से बदलती दुनिया में अपने आप को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रखना सबसे जरूरी

नई दिल्ली, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा है कि वैश्विक सुरक्षा कारणों के चलते दुनिया भर के देश आज अपनी सैन्य शक्ति आधुनिक और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लगातार सैन्य साजो-सामान की बढ़ती मांग के चलते आज भारत के पास अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करके देश को जहाज निर्माण के क्षेत्र में हब बनाने का पूरा मौका है। इस तेजी से बदलती दुनिया में अपने आप को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रखना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है।
रक्षा मंत्री रविवार को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में आधुनिक हथियारों से लैस परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध में सक्षम ‘मोरमुगाओ’ युद्धपोत के कमीशनिंग समारोह को मुख्य अतिथि की हैसियत से संबोधित कर रहे थे। प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाए गए स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरे जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल करने के बाद उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में से एक है, जो सीधे हिंद महासागर से जुड़ा है। इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण देश होने के कारण इसकी सुरक्षा में हमारी नौसेना की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। इसीलिए भारतीय नौसेना अपने इस उत्तरदायित्व को भली-भांति संभाल रही है। ‘विशाखापत्तनम’ क्लास का यह मिसाइल विध्वंसक भारत में निर्मित होने वाले सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है। यह युद्धपोत अपनी क्षमताओं से भारतीय समुद्री क्षमता को और बढ़ाएगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिमी तट पर बंदरगाह के रूप में ‘मोरमुगाओ’ ने भारत के समुद्री व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज भी यह देश के सबसे पुराने और बड़े बंदरगाह में से एक है। आईएनएस ‘मोरमुगाओ’ भी अपनी खूबियों और सेवाओं के चलते अपना विशिष्ट स्थान रखेगा। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में तैयार किया गया यह युद्धपोत हमारी स्वदेशी रक्षा निर्माण क्षमता का बड़ा उदाहरण है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आने वाले समय में हम न केवल अपनी जरूरतों के लिए, बल्कि दुनिया भर की जरूरतों के लिए भी जहाज का निर्माण करेंगे। भारत के तीन तरफ विद्यमान समुद्र रणनीतिक, व्यापार और संसाधन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्राचीन काल से ही समुद्र ने हमारे देश को अनेक प्रकार से समृद्ध किया है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो गई है। दुनिया की एक बड़ी एजेंसी का अनुमान यह बताता है कि अगले 5 वर्षों में यानि 2027 तक भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जायेगा।आज हमारा देश लगातार नई-नई ऊंचाइयां हासिल कर रहा है, उसके पीछे हमारी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था अहम कारण है और उसे बढ़ाने के लिए हम पूरी तरह तत्पर हैं। इस तेजी से बदलती दुनिया में अपने आप को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रखना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है। समय के साथ देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, और व्यापारिक संबंध लगातार बदल रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि दुनिया के बड़े देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हो रहे हैं। यह सभी वर्तमान और समृद्ध भविष्य के भारत की तस्वीर को हमारे सामने रखते हैं। हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था का सीधा अर्थ है लगातार बढ़ता हुआ व्यापार, जिसमें से अधिकांश समुद्री मार्ग के माध्यम से होता है। आज हम वैश्वीकरण के युग में रह रहे हैं। व्यापार के क्षेत्र में प्रायः सभी देश एक-दूसरे पर निर्भर है। ऐसे में स्थिरता, आर्थिक प्रगति और विश्व के विकास के लिए नेविगेशन की नियम आधारित स्वतंत्रता, समुद्री लेन की सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। पहले कोरोना की, फिर मिडिल ईस्ट, अफगानिस्तान और अब यूक्रेन की स्थिति से हम सभी वाकिफ हैं।इनका प्रभाव सीधा या अप्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सभी देशों पर पड़ता है।
साभार-हिस

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