भोपाल, मध्यप्रदेश में 10 दिन के ब्रेक के बाद मानसून का नया सिस्टम एक बार फिर एक्टिव हो गया है। मंगलवार रात राजधानी भोपाल में जमकर बारिश हुई। इसके बाद बुधवार को भी भोपाल समेत प्रदेश के कई इलाकों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। इससे भोपाल में रावण के पुतले भीग गए। बांसखेड़ी इलाके में कारीगरों को पुतले बस स्टॉप में रखना पड़े। रावण दहन के कार्यक्रम स्थलों पर पानी भर गया। जबलपुर में पुतलों को रेनकोट पहनाए गए हैं। दमोह में तो बारिश से पुतला भीग जाने और गिरने के कारण एक दिन पहले ही रावण दहन करना पड़ा। प्रदेश की दूसरे जिलों से भी रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों के भीगने की खबरें आ रही हैं। पुतले बरसाती से ढंक दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बनीं मौसम प्रणालियों के असर से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुककर वर्षा होने लगी है। मंगलवार की रात राजधानी भोपाल समेत कई इलाकों में जोरदार बारिश हुई। बुधवार को सुबह कुछ देर के लिए धूप खिली, लेकिन फिर काली घटाएं छा गईं और दोपहर करीब 12 बजे शहर के अनेक हिस्सों में वर्षा शुरु हो गई। इसके बाद भी रिमझिम फुहारों का सिलसिला जारी है। इससे शहर के अनेक हिस्सों में दशहरा के मौके पर आज शाम को होने वाले रावण दहन के कार्यक्रमों पर भी ग्रहण लग गया। भोपाल में छोला, टीटी नगर, भेल, बिट्टन मार्केट, कोलार समेत 15 से ज्यादा जगहों पर रावण दहन के कार्यक्रम हैं। तेज बारिश होने से रावण दहन की तैयारियों पर भी असर पड़ा है। आयोजन समितियों के लोग बारिश के बीच पन्नियों से रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले ढकते नजर आए।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक खजुराहो में 63, दमोह में 59, उमरिया में 51, सीधी में 37.4, रीवा में 25, जबलपुर में 23.8, ग्वालियर में 11.8, सतना में 11, नौगांव में 10.4, मलाजखंड में 9.8, नरसिंहपुर में पांच, मंडला में चार, पचमढ़ी में 3.8, सागर में 2.6, भोपाल में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को भोपाल, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम संभागों के जिलों में वर्षा की संभावना है। भोपाल, रीवा, सागर, ग्वालियर संभागों के जिलों में दोपहर के बाद झमाझम वर्षा होने की संभावना है। वर्षा के कारण दशहरा पर्व पर शाम के समय रावण दहन का कार्यक्रम प्रभावित हो सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में बंगाल की खाड़ी एवं उससे लगे आंध्र प्रदेश पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस मौसम प्रणाली से लेकर पूर्वी मध्य प्रदेश से होकर उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड पर एक पश्चिमी विक्षोभ ट्रफ के रूप में बना हुआ है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। मौजूदा मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में रुक-रुक कर वर्षा हो रही है। बुधवार को रीवा, सागर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है। राजधानी में दोपहर बाद शहर में झमाझम वर्षा होने के आसार बने हुए हैं।
साभार-हिस