कोलकाता, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक नाले के जल में पोलियो के जीवाणु मिले हैं। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी चिंता बढ़ गई है।
इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा, “पोलियो वायरस मटियाब्रुज इलाक में पाया गया है। क्षेत्र में आवश्यक निगरानी कार्यक्रम चल रहा है। निवारक उपाय किए गए हैं। इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं किसी में संक्रमण तो नहीं हुआ है।” उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में आवश्यक दिशा निर्देशों वाला पत्र पहुंच चुका है। इसमें कहा गया है कि अगर एक जन्मजात रोग अथवा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम वाला कोई बच्चा भर्ती कराया जाता है, तो मल की तत्काल जांच करना जरूरी है। इसके अलावा ऐसे बच्चों के अभिभावकों से खुले में शौच नहीं जाने को भी कहा जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि पोलियो संक्रमण की स्थिति को समझने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभिन्न हिस्सों से जल के नमूने संग्रह किए थे। इसी दौरान मई महीने के अंत में कोलकाता नगर निगम के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र मटियाब्रुज इलाके के नाले के पानी से पोलियो के जीवाणु मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पोलियो के भीभीपीभी टाइप वन जीवाणु मिले हैं। इससे पहले साल 2011 में हावड़ा की एक दो साल की बच्ची के शरीर में पोलियो का संक्रमण हुआ था। उसके बाद आज तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उस बच्ची में पोलियो का संक्रमण देश का आखरी पोलियो संक्रमण भी था। उसके बाद 2014 के 17 मार्च को डब्ल्यूएचओ ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।कोलकाता में पोलियो जीवाणु के मिलने के बाद जांच क्रिया शुरू की जा रही है।
साभार -हिस
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