हैदराबाद/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आज दुनिया भारत को एक नए सम्मान के साथ देख रही है। हम आज भारतीय समाधान (इंडियन सॉल्यूशन) को वैश्विक स्तर (ग्लोबल इंप्लीमेंट) पर लागू होते देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे युवा ये साबित कर रहे हैं कि वो दुनिया को लीड कर सकते हैं।
यहां इंडियन बिजनेस स्कूल (आईबीएस) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत को, भारत के युवाओं को और भारत के उत्पाद को एक नए सम्मान और नए भरोसे के साथ देख रही है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से अपील की कि वे अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को, देश के लक्ष्यों के साथ जोड़ें ।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में रिफॉर्म की जरूरत हमेशा महसूस की जाती थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी रहती थी। पिछले 3 दशकों में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी देखी। किंतु, वर्ष 2014 के बाद से देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार रिफॉर्म भी हो रहे हैं। मेडिकल एजुकेशन में भी हमने कई रिफॉर्म किए हैं। इसी का परिणाम है कि बीते 8 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 380 से बढ़कर 600 से भी अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि देश में मेडिकल की ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की सीटें 90 हजार से बढ़कर 1.5 लाख से ऊपर हो चुकी हैं।
मोदी ने कहा कि देश में पिछले आठ सालों में जो सबसे बड़ी प्रेरणा बनी है वह जनभागीदारी है। देश की जनता खुद आगे बढ़कर रिफॉर्म को गति दे रही है। हमने स्वच्छ भारत अभियान में इसे देखा है। अब वॉकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी हम जन भागीदारी की ताकत को देख रहे हैं। जब एक पारदर्शी चयन होता है तो ट्रेनिंग का, कंपीटिशन का एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। आखिर क्या कारण है कि 2014 के बाद हमें खेल के हर मैदान में अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है? इसका सबसे बड़ा कारण है, हमारे एथलीट्स का आत्मविश्वास। आत्मविश्वास तब आता है, जब सही टैलेंट की खोज होती है। जब टैलेंट की हैंडहोल्डिंग होती है।
उन्होंने आगे कहा कि आज जब देश आर्थिक विकास के नए अध्याय को लिख रहा है तो हमें एक और बात ध्यान रखनी होगी। हमें छोटे व्यापारियों का भी उतना ही ध्यान रखना होगा। हमें उन्हें ज्यादा बड़े प्लेटफॉर्म देने होंगे। आगे बढ़ने के लिए ज्यादा मौके देने होंगे। उन्हें ज्यादा से ज्यादा तकनीक से जोड़ना होगा।
साभार-हिस