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असम में कैंसर अस्पताल से पूर्वोत्तर सहित दक्षिण एशिया में बढ़ेगी स्वास्थ्य देखभाल क्षमता : प्रधानमंत्री मोदी

डिब्रूगढ़/नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि असम में कैंसर अस्पताल पूर्वोत्तर के साथ-साथ दक्षिण एशिया में स्वास्थ्य देखभाल क्षमता में वृद्धि करेंगे। पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक समय था जब सात साल में एक अस्पताल खोलना बड़ी उपलब्धि माना जाता था। आज एक राज्य में एक ही दिन में सात अस्पताल खुल रहे हैं।
प्रधानमंत्री आज डिब्रूगढ़ के खानीकर मैदान में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने यहां छह कैंसर अस्पताल राष्ट्र को समर्पित किये और सात नए कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में किये गये कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2014 से पहले देश में सिर्फ 7 एम्स थे। इसमें से भी एक दिल्ली वाले को छोड़ दें तो कहीं एमबीबीएस की पढ़ाई नहीं होती थी, कहीं ओपीडी नहीं लगती थी, कुछ अधूरे बने थे। हमने इन सभी को सुधारा और देश में 16 नए एम्स घोषित किए। एम्स गुवाहाटी भी इन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा कि बीते सात साल में एमबीबीएस और पीजी के लिए 70 हजार से ज्यादा नई सीटें जुड़ी हैं। सरकार ने 5 लाख से ज्यादा आयुष डॉक्टर्स को भी एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर माना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम ही नहीं नॉर्थ ईस्ट में कैंसर एक बहुत बड़ी समस्या रही है। इससे सबसे अधिक गरीब और मध्यम वर्ग प्रभावित होता है। कैंसर के इलाज के लिए कुछ साल पहले तक यहां के मरीज़ों को बड़े-बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इस परेशानी को दूर करने के लिए बीते 5-6 सालों से अऩेक कदम उठाए गए हैं।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य के सप्तऋषियों पर बहुत फोकस किया है। पहली कोशिश है कि बीमारी की नौबत ही नहीं आए। इसलिए निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर सरकार ने बहुत जोर दिया है। ये योग, फिटनेस से जुड़े कार्यक्रम इसलिए ही चल रहे हैं। दूसरा, अगर बीमारी हो गई तो शुरुआत में ही पता चल जाए। इसके लिए देश भर में लाखों नए टेस्टिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं। तीसरा फोकस ये है कि लोगों को घर के पास ही प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधा हो। इसके लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को सुधारा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चौथा प्रयास गरीब को अच्छे से अच्छे अस्पताल में मुफ्त इलाज मिले। इसके लिए आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भारत सरकार की तरफ से दिया जा रहा है। हमारा पांचवा फोकस इस बात पर है कि अच्छे इलाज के लिए बड़े-बड़े शहरों पर निर्भरता कम से कम हो। इसके लिए हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमारी सरकार अभूतपूर्व निवेश कर रही है। हमारी सरकार का छठा फोकस इस बात पर भी है कि डॉक्टरों की संख्या में कमी को दूर किया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का सांतवां फोकस स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन का है। सरकार की कोशिश है कि इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनों से मुक्ति हो, इलाज के नाम पर होने वाले दिक्कतों से मुक्ति मिले। इसके लिए एक के बाद एक योजनाएं लागू की गई हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र और असम सरकार चाय बगानों में काम करने वाले लाखों परिवारों को बेहतर जीवन देने के लिए पूरी ईमानदारी से जुटी है। मुफ्त राशन से लेकर हर घर जल योजना के तहत जो भी सुविधाएं हैं, असम सरकार उनको तेज़ी से चाय बगानों तक पहुंचा रही है।
साभार-हिस

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