Home / National / जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने की इफ्तार पार्टी, फोटो शेयर करने के बाद ट्वीट हटाने पर उठे सवाल
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने की इफ्तार पार्टी, फोटो शेयर करने के बाद ट्वीट हटाने पर उठे सवाल

  • पूर्व सैन्य अधिकारियों ने कहा, सेना को स्थानीय आबादी तक पहुंचाते हैं इस तरह के कार्यक्रम

  • इन कार्यक्रमों का धर्म या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं, महज आतंकवाद से लड़ने का साधन

नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के अरनोरा में माह रमजान पर भारतीय सेना की ओर से रोजा इफ्तार करने के बाद विवाद छिड़ गया है। भारतीय सेना हर साल सीमा पर सैनिकों के साथ ईद, दीपावली, होली और रक्षा बंधन जैसे त्योहार मनाते हुए और पाकिस्तानी सैनिकों के साथ मिठाई का आदान-प्रदान करते हुए तस्वीरें जारी करती रही हैं। इस बार रोजा इफ्तार की तस्वीरें ट्वीट करने के बाद डिलीट करने पर सवाल उठने लगे हैं।

पीआरओ डिफेन्स जम्मू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 21 अप्रैल को रात 11.32 बजे इफ्तार की तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा गया कि “धर्मनिरपेक्षता की परंपराओं को जीवित रखते हुए भारतीय सेना ने डोडा जिले के अरनोरा में एक इफ्तार का आयोजन किया।” तस्वीरों में इफ्तार पार्टी में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स के डेल्टा फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग, स्थानीय मुसलमानों के साथ बातचीत करते हुए और एक वर्दीधारी व्यक्ति को नागरिकों के साथ नमाज अदा करते हुए दिखाया गया। पीआरओ डिफेन्स जम्मू के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किये गए इस ट्वीट को सेना की अन्य इकाइयों ने भी रीट्वीट किया और काफी संख्या में लाइक मिले।
इसके बाद सेना के इस सर्वधर्म समभाव वाले ट्विट को एक तथाकथित पत्रकार ने रीट्वीट के साथ कमेन्ट कर दिया कि- “अब यह बीमारी भारतीय सेना में भी घुस गई है? दुखद।” इस टिप्पणी पर सेना या पीआरओ डिफेन्स की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, बल्कि सेना के ट्विटर हैंडल से मूल ट्वीट डिलीट कर दिया गया। इतना ही नहीं, पीआरओ रक्षा (जम्मू) लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने ट्वीट को हटाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि इससे पहले भारतीय सेना हर साल सीमा पर सैनिकों के साथ ईद, दीवाली, होली और रक्षा बंधन जैसे त्योहार मनाते हुए और पाकिस्तानी सैनिकों के साथ मिठाई का आदान-प्रदान करते हुए तस्वीरें जारी करती रही है।

इस बार रोजा इफ्तार की तस्वीरें ट्वीट करने के बाद डिलीट करने पर सवाल उठने लगे हैं। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिमी कमान के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल तेज सप्रू (सेवानिवृत्त) का कहना है कि ट्वीट में कुछ भी गलत नहीं था जिसका जोरदार बचाव किया जाना चाहिए था। सेना के इस तरह के कार्यक्रम स्थानीय आबादी तक पहुंचने और आतंकवादियों से लड़ने के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि हम ऐसा पूर्वोत्तर में भी ईसाई आबादी तक पहुंचकर करते हैं। इसका धर्म या राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और यह विशुद्ध रूप से स्थानीय लोगों को अपने साथ लेकर आतंकवाद से लड़ने का एक साधन है।
सेवानिवृत्त अधिकारी मेजर जनरल यश मोर ने भी मूल ट्वीट का बचाव करते हुए कहा कि “भारतीय सेना अंतरधार्मिक सद्भाव में सबसे आगे रही है। एक अधिकारी के रूप में हमें इस बात पर गर्व है कि हमारा कोई धर्म नहीं है, हम सिर्फ अपने जवानों का धर्म अपनाते हैं, जिनकी हम कमान संभालते हैं।” उत्तरी कमान के पूर्व जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल एचएस पनाग (सेवानिवृत्त) ने कहा कि संबंधित पीआरओ और सेना में रमजान के दौरान इफ्तार आयोजित करने की परंपरा की रक्षा करने का साहस होना चाहिए था। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। यह स्थानीय आबादी का दिल और दिमाग जीतने की सेना की नीति का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर में इफ्तार आयोजित करने में कोई नई बात नहीं है और यह कई वर्षों से एक प्रथा है।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

Mahalakshmi महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

महालक्ष्मी को 50 टुकड़ा करने वाला आरोपी ओडिशा में

तलाश के लिए कर्नाटक ने से भेजी गईं चार पुलिस टीमें पुलिस ने 2-3 लोगों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *