नई दिल्ली,उत्तर पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पास अब तक 300 वीडियो फुटेज आ चुके हैं, जिसकी बारीकी की से जांच की जा रही है। इसमें से कुछ वीडियो इलाके में लगे सीसीटीवी से जुड़े हैं तो कुछ लोगों द्वारा मोबाइल से बनाए गए हैं। वहीं कुछ ऐसे फुटेज हैं, जिन्हें सोशल मीडिया स्रोत पर वायरल होने पर पुलिस के पास पहुंचे हैं।
इन सभी की पुलिस बारीकी से जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में पुलिस 200 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ कर चुकी है, जबकि नौ और संदिग्धों के खिलाफ पुलिस के हाथ सुराग लग चुके हैं। पुलिस इन सुरागों के आधार पर संदिग्धों की तलाश में जुट गई है।
16 जगहों पर ताबड़तोड़ छापामारी-
सूत्रों के मुताबिक जहांगीरपुरी हिंसा से जुड़े वीडियो, फोटो, सीसीटीवी फुटेज और लोकल इनपुट और संदिग्धों से पूछताछ के आधार में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा अब तक और नौ संदिग्धों के खिलाफ सुराग एकत्र कर चुकी है। पुलिस अब इन संदिग्धों की तलाश में दिल्ली से लेकर पश्चिम बंगाल तक करीब 16 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। दरअसल जांच के दौरान यह पता चला कि जब शोभायात्रा पर पथराव शुरू हुआ और हिंसा की घटनाएं हुईं तो उस समय मौके पर ये लोग मौजूद थे और इन्होंने हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
घटनास्थल के आसपास की लोकेशन है इनकी-
मामले की जांच में जुटी पुलिस की अपराध शाखा फोन से जुड़ी हुई लोकेशन को घटना वाले दिन से लेकर इनके फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) को खंगालने में लगी हुई है। ये सभी नौ आरोपितों के नंबर अपराध शाखा की जांच राडार पर हैं। क्योंकि पुलिस के लिए अंसार, सोनू और नाबालिग के कनेक्शन से जुड़े ये सभी नौ लोगों के नंबर बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसमें भी कुछ संदिग्ध नंबर तो कुछ आरोपितों के सीधे संपर्क में थे। इसलिए पुलिस यह पता करना चाहती है कि क्या इन लोगों को भी हिंसा के मुख्य आरोपित ही निर्देश दे रहे थे या फिर कुछ और भी लोग थे जो इन्हें निर्देश दे रहे थे।
साभार-हिस