नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग पर 30 अप्रैल तक फैसला करे। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी।
जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर 30 अप्रैल तक इस पर कोई फैसला नहीं किया जाता है तो गृह मंत्रालय के संबंधित सचिव और सीबीआई के अभियोजन विभाग के निदेशक सुनवाई की अगली तिथि को कोर्ट में उपस्थित होंगे।
पहले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था राजोआना की फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग पर राष्ट्रपति को फैसला लेना है। 25 जनवरी, 2021 को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि इस मामले का दूरगामी असर हो सकता है। केंद्र सरकार ने इस पर विचार करने के लिए और समय देने की मांग की थी। राजोआना करीब 26 सालों से जेल में है।
4 दिसंबर, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि वो राजोआना की सजा माफी का प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास कब भेजेगी। चीफ जस्टिस ने कहा था कि केंद्र की यह दलील समझ से परे है कि दूसरे दोषियों की अपील लंबित होने की वजह से राजोआना की सजा माफी के प्रस्ताव को भेजने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा था कि दूसरे दोषियों द्वारा लंबित याचिका का गृह मंत्रालय के फैसले पर कोई असर नहीं होगा। 2019 में गृह मंत्रालय ने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव पर कुछ दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था।
साभार-हिस