Home / National / यूक्रेन से वतन वापसी के लिए कानपुर के 40 छात्रों ने बयां किया दर्द, बरस रहे हैं गोले

यूक्रेन से वतन वापसी के लिए कानपुर के 40 छात्रों ने बयां किया दर्द, बरस रहे हैं गोले

  • एक छात्र की हुई वापसी, सरकार से गुहार लगा रहे परिजन

कानपुर,रुसी सेना यूक्रेन में बराबर बमबारी कर रही है और जगह जगह गोले फट रहे हैं। बाहर पूरी तरह से कर्फ्यू लगा हुआ है और लोगों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। हम लोग मेट्रो स्टेशनों में छिपे हुए हैं और यहां पर खाने के लिए सिर्फ चना बचे हुए हैं और पीने के लिए मेट्रो का पानी है। कुछ छात्र पोलैंड की सीमा पर पहुंच चुके हैं, लेकिन उनको भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

यह बातें यूक्रेन में फंसे कानपुर के छात्रों ने अपने परिजनों से कही। वहीं कानपुर प्रशासन के अनुसार यूक्रेन में अब तक फंसे छात्रों की संख्या 41 हो गई है, जिसमें एक की वतन वापसी हो गई है। यह बताया जा रहा है कि दो और छात्र वापस आ गये हैं, लेकिन अभी प्रमाणिक नहीं है और उनकी जानकारी ली जा रही है। इस प्रकार कंट्रोल रुम के डाटा के अनुसार अभी यूक्रेन में कानपुर के 40 छात्र फंसे हुए हैं।

रुस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच शहर के 41 छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी प्रशासन के कंट्रोल रुम के जरिये आई है। एसआईसी धर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है। इनमें से अभी सिर्फ एक छात्र अमन शर्मा की वापसी हो सकी है। यह भी जानकारी सामने आ रही है छात्र वैभव वर्मा और सहरिश सिद्दीकी की घर वापसी हो सकी है, जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
बताया गया कि इन सभी छात्रों को वापस लाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए सभी के नाम रोजाना शासन को भेजे जा रहे हैं। शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को नाम भेज दिए जा रहे हैं। इस बीच छात्रों की तरफ से रोजाना सोशल मीडिया के जरिये घर वापसी के लिए गुहार लगाई जा रही है। यूक्रेन में फंसे बच्चों के लिए स्थापित कंट्रोल रूम के नंबर 0512- 2985500, 0512- 2985501 और व्हाट्सएप नंबर 7839863438 है।

छात्रों ने बयां किया दर्द
यूक्रेन में जो छात्र फंसे हुए हैं वह बराबर अपने परिजनों से वीडियो काल करके वहां की परिस्थिति को बयां कर रहे हैं और वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं। दर्शनपुरवा निवासी जेनसी ने बताया कि यूक्रेन के शहर खारकीव और राजधानी कीव में भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है। आसमान से रूस की सेना गोले बरसा रही है। इन सबके बीच हम लोग भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और हास्टल के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। यहां के विभिन्न मेट्रो स्टेशन में बंकर बना दिए गए हैं, जिसमें 100 से ज्यादा भारतीय छात्र हैं। बाथरूम के पानी से प्यास बुझानी पड़ रही है। आसपास की सुपर मार्केट पर भी बम गिरे हैं। अब खाने-पीने का सामान नहीं मिल रहा। कुछ चने बचे हैं, उन्हें भिगोकर खा रहे हैं।

कीव में फंसी आकांक्षा ने बताया कि पड़ोसी देशों के बार्डर तक पहुंचाने के लिए विशेष समय पर ट्रेन चलाई जा रही हैं। उसमें यूक्रेन के नागरिकों को प्राथमिकता दी जा रही है। नौबस्ता बसंत विहार की गरिमा तिवारी और कल्याणपुर अंबेडकरपुरम की सृष्टि यादव ने बताया कि वहां छात्रों के साथ मारपीट की जा रही है। हास्टलों में खाने पीने का सामान खत्म हो रहा है।
आवास विकास केशवपुरम निवासी हेमंत कुमार ने फोन करके पिता सुरेश चंद्र को बताया कि वाहन चालक ने लेबिन से पोलैंड बार्डर तक 90 किमी आने में 20 हजार रुपये ले लिए। इन दुश्वारियों की जानकारी मिलने पर कानपुर में उनके परिजन सुनकर बेहाल है। अपने कलजे के टुकड़े बच्चों की कुशलता व वतन वापसी के लिए वह दुआएं कर रहे हैं और भारतीय सरकार से भी गुहार लगा रहे हैं। हालांकि कानपुर की जिलाधिकारी ने जनपद के रहने वाले बच्चों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

Despite monsoon deficit, Kharif acreage up 32% in June, driven by pulses & oilseeds

India sees higher acreage of summer-sown Kharif crops in June despite a larger monsoon rainfall …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *