-
मरीन कमांडो को भी इस समन्वित ऑपरेशन के लिए जुटाया गया
-
सभी सैन्य तथा सुरक्षा एजेंसियों में समन्वय बेहतर करना था मकसद
नई दिल्ली, अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी) ने पोर्ट ब्लेयर एयरफील्ड में एक संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया। इसका उद्देश्य एयरफील्ड में या कहीं और आतंकवादी हमले, बंधक संकट तथा विमान अपहरण की स्थिति जैसी विभिन्न आकस्मिक घटनाओं के दौरान सभी सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों का परीक्षण करना था।
आईएनएस उत्कर्ष और वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दिन और रात के अभ्यास किए गए। इस एयरफील्ड के भीतर विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए सेना, नौसेना और सीआईएसएफ की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) को तैनात किया गया था। साथ ही एनएसजी, घातक प्लाटून और मरीन कमांडो (मारकोस) के विशेष बलों को भी त्वरित प्रतिक्रिया टीमों के साथ इस समन्वित ऑपरेशन के लिए जुटाया गया था।
अंडमान और निकोबार कमांड ने हाल ही में पोर्ट ब्लेयर एयरफील्ड में सुरक्षा के लिए एक संयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया की घोषणा की है। इन अभ्यासों को एसओपी के परीक्षण, सत्यापन और सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ पोर्ट ब्लेयर में सभी सैन्य तथा सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर करने की दृष्टि से डिज़ाइन किया गया था। इस महत्वपूर्ण एयरफील्ड पर किसी भी खतरे का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए इन एसओपी को विकसित किया गया था, जिन्हें इस संयुक्त अभ्यास के दौरान फिर से सत्यापित किया गया।
साभार-हिस