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प्राचीन जैन तीर्थ स्थलों के जीर्णोद्धार व पुरातत्व विभाग से जुड़े विषयों पर संस्कृति मंत्रालय जल्द करेगा संयुक्त बैठक आयोजित
नई दिल्ली/हैदराबाद,देशभर के विभिन्न राज्यों में स्थित प्राचीन जैन तीर्थस्थलों के जिर्णोद्धार तथा पुरातत्व विभाग से जुड़े विषयों पर जरुरी निर्णय एवं नीति निर्धारण के लिए भारत सरकार के संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी की अध्यक्षता में एक संयुक्त बैठक आयोजित करने का फैसला किया गया है। इस बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इस संभावित बैठक में सभी विषयों पर फैसला लेने का आश्वासन पर्यटन मंत्री ने महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी से एक मुलाकात के दौरान दिया है।
जैन तीर्थंकरो की प्राचीन कल्याणक मुनियों के तीर्थ स्थान तथा अन्य प्राचीन तीर्थ क्षेत्रों के जिर्णोद्धार, रखरखाव में पुरातत्व विभाग से मान्यता एवं क्रियान्वयन में कई तरह की समस्याओं का सामना है। देशभर में विभिन्न उत्खनन में जैन तिर्थंकरो की प्राप्त होनेवाली प्रतिमाओं के हस्तांतरण में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के सिलसिले में अखिल भारतीय जैन अल्पसंख्यक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी से हैदराबाद में मुलाकात की है।
इस मुलाकात में संस्कृति मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में अजंता एलोरा गुफाओं के मार्ग पर 1974 में स्थापित जैन किर्ति स्तंभ हटाने के पुरातत्व विभाग के फैसले को रद्द करने और वहां पर स्थिति यथावत बनाए रखने की मांग मान ली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से जैन समाज के साथ है। बैठक में जैन धर्म की संस्कृति, रक्षा सम्बंधी विभिन्न विषयों पर व्यापार विचार विमर्श किया गया।
बैठक में ललित गांधी के साथ, जैन महासंघ के महामंत्री संदीप भंडारी, प्रदेश के महासंघ अध्यक्ष मुकेश चौहाण, तेलंगाना महासंघ अध्यक्ष विमल नहार, दिगंबर समाज के अशोक पहाडे, मिथुन पोरवाल आदि शामिल थे।
साभार-हिस