Home / National / राजस्थान की ऊंची छलांग: दस गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर देश में अव्वल
IAT NEWS INDO ASIAN TIMES ओडिशा की खबर, भुवनेश्वर की खबर, कटक की खबर, आज की ताजा खबर, भारत की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज, इंडिया की ताजा खबर

राजस्थान की ऊंची छलांग: दस गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर देश में अव्वल

जयपुर, सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाते हुए राजस्थान समूचे देश में पहले पायदान पर आ गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा व चेयरमैन राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 31 जनवरी, 2022 तक के जारी आंकड़ों के अनुसार राजस्थान ने दस गीगावाट से अधिक सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित कर इस क्षेत्र के दिग्गज कर्नाटक व गुजरात आदि प्रदेशों को काफी पीछे छोड़ दिया है। अब देश में कुल विकसित सौर ऊर्जा क्षमता में अकेले राजस्थान की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. अग्रवाल ने बताया कि दिसंबर, 2019 में जारी राजस्थान सौर ऊर्जा नीति और राजस्थान पवन व हाईब्रिड नीति जारी की गई। उन्होंने बताया कि इन दोनों नीतियों के फलस्वरुप प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षेत्र का परिदृश्य ही बदल गया और तीन साल में ही साढ़े छह गीगावाट यानी कि 6552 मेगावाट से अधिक अतिरिक्त सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि आज देश में स्थापित कुल 49 गीगावाट क्षमता में अकेले राजस्थान ने 10.5 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर ली है।

ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की गौरवशाली उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अक्षय ऊर्जा निगम के अधिकारियों, कार्मिकों और इस क्षेत्र के निवेशकों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2030 तक देश में 500 गीगावाट सोलन एनर्जी क्षमता विकसित करने के लक्ष्य को हासिल करने में राजस्थान की प्रमुख हिस्सेदारी होगी।

एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में 49346 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित हो गई है। इसमें राजस्थान 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर समूचे देश में शीर्ष पर आ गया है। उन्होंने बताया कि जारी रिपोर्ट के अनुसार 7534 मेगावाट क्षमता के साथ कर्नाटक दूसरे स्थान पर और 6309 मेगावाट क्षमता के साथ गुजरात तीसरे स्थान पर है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इस साल अब तक 3000 मेगावाट से अधिक क्षमता विकसित की जा चुकी है जबकि पिछले तीन सालों में प्रदेश में 6552 मेगावाट क्षमता विकसित हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 2016 के बाद सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया और तीन साल की कुछ क्षमता में से करीब आधी क्षमता इसी साल में विकसित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि रूफटॉप में भी राजस्थान तेजी से आगे बढ़ रहा है। 10506 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता में 9542 मेगावाट क्षमता ग्राउण्ड माउंटेड, 668 मेगावाट रूफटॉप और 296 मेगावाट सौर ऊर्जा ऑफग्रिड क्षेत्र में विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में किए गए एमओयू व एलओयू समझौतों से राजस्थान अब देश के सबसे बड़े सोलर हब के रूप में विकसित होने जा रहा है।
साभार-हिस

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *